उमेश पाल अपहरण कांड: माफिया-राजनेता अतीक समेत तीन दोषियों को उम्रकैद

प्रयागराज/लखनऊ (उप्र) : प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया-राजनेता पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।
अतीक अहमद ने खुद को मिली सजा के बारे में कहा कि वह अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 364—क के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी। अदालत ने तीनों पर एक—एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम उमेश पाल के परिजन को दी जाएगी।
अदालत ने अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी।
अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है। उसे पहली बार किसी मामले में सजा सुनायी गयी है।
इस बीच, अतीक अहमद ने एक समाचार चैनल से कहा, ”हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। फैसला गलत हुआ है।”
इसके पूर्व, कचहरी परिसर में मौजूद वकीलों ने अतीक अहमद समेत सभी दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी—एमएलए अदालत में अपराह्न करीब 12 बजे पेश किया गया। अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था।
उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था।
उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इस बीच, उमेश पाल की मां शांति देवी ने संवाददाताओं से बातचीत में अपने बेटे के अपहरण के मामले में अहमद समेत तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने पर कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा था। मगर अहमद जेल में रहकर भी कुछ भी करा सकता है इसलिये वह अदालत ने निवेदन करती हैं कि उनके बेटे की हत्या के मामले में अहमद को फांसी की सजा सुनायी जाए।
उन्होंने कहा, ”मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा। वह इस मामले में अपने फैसले का इंतजार कर रहा था। उसका मामला तय हो गया था। उसको उम्मीद थी कि अतीक को सजा मिलेगी। मगर अतीक अहमद ने जेल में रहते हुए अपने लोगों से मेरे बेटे की हत्या करा दी, इसलिये (अदालत से) मेरा निवेदन है कि उसे फांसी की सजा सुनायी जाए।”
उमेश की पत्नी जया ने कहा, ”मैं अदालत के फैसले का विरोध नहीं करूंगी। लेकिन मैं अब मुख्यमंत्री से निवेदन करूंगी कि मेरे साथ कोई लड़ने वाला नहीं है। वह हमारा ख्याल रखें।”
इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है और दोषियों को अदालत से सजा भी दिलवा रही है। किसी को भी कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि सरकार माफिया तत्वों के प्रति बेहद सख्त है।

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