दो अस्पतालों ने प्रसूता को लौटाया, ऑटो में ही जन्म दिया बच्चे को

गरियाहाट थाने की पुलिस ने मां और बच्चे को भर्ती कराया नर्सिंग होम में कोरोना के बीच यह घटना दिल को सुकून देने वाला है : एसआई

कोलकाता, समाज्ञा : लॉकडाउन के बीच ही प्रसव पीड़ा से कहरा  थी गर्भवती महिला मगर उसे किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं लिया। रात भर दर्द झेलने के बाद बुधवार की सुबह दूसरे नर्सिंग होम की तलाश में परिवार गर्भवती महिला को लेकर निकला था। सुबह भी एक नर्सिंग होम से ना सुनने के बाद ऑटो से ही दूसरे नर्सिंग होम की तलाश में परिवार जा रहा था मगर गरियाहाट रोड और फर्न रोड क्रॉसिंग पर है महिला का प्रसव पीड़ा बढ़ गया और उसने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि किसी भी रोगी को बिना चिकित्सा के लौटाया नहीं जाए लेकिन इस निर्देश पर अमल ही नहीं किया जा रहा है। एक प्रसूता को दर्द झेलना पड़ा और ऑटो में बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। मगर इस दौरान भी पुलिस मददगार साबित हुई। घटना की सूचना पाकर गरियाहाट थाने के सब इंस्पेक्टर सविनय विश्वास और रुद्र शेखर मुखर्जी मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही साउथ ईस्ट ट्रैफिक गार्ड के सार्जेंट देवज्योति विश्वास और राज किरण साव भी वहां पहुंचे। पुलिस की मदद से मां और बच्चे को फर्न रोड स्थित के. एस. मेडिकल सेंटर में ले जाया गया, जहां मां और बच्चा दोनों स्वस्थ है। वहीं शिशु सदन अस्पताल सूत्रों का कहना है कि कोरोना के कारण अस्पताल में जगह नहीं है और साथ ही साथ कोई चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है। यह है पूरा मामला कसबा थानांतर्गत राज डांगा मेन रोड की रहने वाली श्रावणी सरदार (३०) को मंगलवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर सबसे पहले हाजरा रोड स्थित चितरंजन शिशु सदन के जाया गया था लेकिन वहां उसे भर्ती नहीं लिया गया। दरअसल, उसने इसी अस्पताल का कार्ड बनाया था मगर उस भर्ती ना लेकर उसे घर जाने की सलाह दी गई। इसके बाद वह घर चली गई लेकिन बुधवार के अहले है उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि वहां भी उसे भर्ती नहीं लिया गया। श्रावणी के साथ उसका पति प्रीतम और एक महिला भी थी। सभी ऑटो से ही जा रहे थे। इधर फिर से भर्ती नहीं लेने पर वे दूसरे नर्सिंग होम की तलाश में निकले थे मगर उक्त क्रॉसिंग पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। लॉक डाउन में भी यह था हमारे लिए अच्छा खबरघटना की सूचना मिलते ही थाने और ट्रैफिक गार्ड के अधिकारी मौके पर पहुंचे। कपड़े में ही लपेटकर बच्चे और मां को पास के ही नर्सिंग होम में भर्ती कराया। इस मामले में महिला और बच्चे को अस्पताल पहुंचाने वाले एक सब इंस्पेक्टर ने कहा कि हम रोजाना ही शव को ढोते है मगर आज जो हुआ, वह मेरे ड्यूटी ज्वाइन के बाद अब तक का सबसे सराहनीय और यादगार पल है। मां और बच्चा दोनों ही स्वस्थ है।

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