सरकार ने लटके हाउजिंग प्रॉजेक्ट पर दी बड़ी राहत, 10 हजार करोड़ रुपये की मदद का किया ऐलान

नई दिल्ली : सरकार ने सुस्ती से गुजर रही अर्थव्यवस्था के लिए एक महीने के भीतर दूसरी बार बूस्टर डोज का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने हाउजिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए आज कई बड़े ऐलान किए हैं। हाउजिंग क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का फंड 60 प्रतिशत तक पूरे हो गए लटके प्रॉजेक्ट को देने की घोषणा की है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रॉजेक्ट एनपीए और एनसीएलटी में न हो। सरकार के इस ऐलान से दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इतंजार कर रहे हजारों निवेशकों को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए देश में अगले साल मार्च में मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। हाउजिंग के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे। लोगों को घर लेने में आसानी होगी और आसानी से लोन लिया जा सकेगा। एक्सटर्नल कमर्शल गाइडलाइन फॉर अफोर्डेबल हाउजिंग में राहत दी जाएगी।

45 लाख के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कई कदम उठाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। 45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला है। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस योजना की तारीफ की है। सरकार ऐसे घरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफोर्डेबेल हाउजिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी।
हाउजिंग सेक्टर के लिए बड़े ऐलान
45 लाख कीमत के घरों को अफोर्डेबल स्कीम में डालने का फायदा मिला। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस योजना की तारीफ की है। सरकार ऐसे घरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अफोर्डेबेल हाउजिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ईसीबी गाइडलाइंस में कई सुधार करेगी।

10 हजार करोड़ देने कि लिए सरकार की शर्तें , 3.5 लाख घरों को फायदा
अफोर्डेबल, मिडिल इनकम हाउजिंग के लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपये लटके प्रॉजेक्ट के लिए देगी। इतना ही फंड बाहर से लगाया जाएगा। सरकार के अलावा, बाहरी और एलआईसी जैसे निवेशक भी करीब इतना ही पैसा इसमें लगाएंगे। हालांकि यह पैसा उन्हीं प्रॉजेक्ट को मिलेगा जिनका काम 60 फीसदी तक पूरा हो चुका हो और एनपीए और एनसीएलटी न हो। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 3.5 लाख घरों को फायदा मिलेगा।

सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा
अफोर्डेबल हाउजिंग के लिए एक्स्टर्नल कमर्शल बोरोइंग गाइडलाइन को थोड़ा आसान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई से मशविरे के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना में आने वाले अफोर्डेबल घरों के लिए ईसीबी में राहत दी गई है। हाउस बिल्डिंग अडवांस पर ब्याज को कम किया गया है गया है 10 साल के जिसे यील्ड्स से लिंक किया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाएंगे ये कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी से गुजर रही इकॉनमी को बूस्ट कर करने के लिए हाउजिंग और एक्सपोर्ट के लिए बड़ी घोषणा की। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी में कमी का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्र ने कहा कि आज हमारा फोकस निर्यात को बढ़ावा देने पर है। पुराना आरओएसएल दिसंबर 2019 तक जारी रहेगा।

एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान
हैंडिक्राफ्ट कोऑपरेटर अब ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से खुद को एनरोल करवा सकते हैं। एक्सपोर्ट अवधि को कम करने के लिए मेगा प्लान। निर्यात की क्वालिटी को बेहतर किया जाएगा। हम इसपर काम कर रहे हैं। ताकि समयबद्ध तरीके से हम स्टैंडर्ड हासिल कर सकें। तय वक्त में स्टैंडर्ड सेट किया जाएगा। वाणिज्य मंत्रालय इसके लिए एक ग्रुप बनाएगा। कुछ एक्सपोर्स को ऑरिजिन सर्टिफिकेट के लिए परेशान होना पड़ता है। इसके लिए ऑरिजिन मैनेजमेंट सिस्टम चलाया जाएगा। इससे ईज ऑफ डुइंट बिजनस को बढ़ावा मिलेगा।

फ्री ट्रेड अग्रीमेंट
स्पेशल एफटीए अग्रीमेंट मिशन चलाया जाएगा। इसका काम अलग से फेडरेशन ऑफ एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन और असोसिएशन से बात करना और समझौते करना होगा। इसके तहत टैरिफ में छूट के बारे में भी निर्यातकों और आयातकों को जानकारी दी जाएगी।

चार मेगा फेस्टिवल शो का पूरे देश में होगा आयोजन
वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का पूरे देश के चार जगहों पर आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च 2020 से शुरू होगा। जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टेक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा।

एक्सपोर्ट समय को कम करने के लिए भी कदम
एक्सपोर्ट के समय को कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। बोस्टन जैसे पोर्ट टर्न अराउंड के लिए आधा दिन लेता है। शंघाई और भी कम समय लेता है। सभी क्लियरेंस के लिए मैनुअल सर्विसेज को खत्म करके ऑटौमैटिक सिस्टम लागू किया जाएगा। एक्सपोर्ट फाइनैंस एक इंटर मिनिस्टीरियल ग्रुप की निगरानी में काम करेगा। 36 हजार करोड़ से 38 हजार करोड़ एक्सपोर्ट क्रेडिट को बढ़ाने के लिए लगाए जाएंगे। यूएस डॉलर बेस्ड लेंडिंग में कमी आई है। रुपये में गिरावट की वजह से यह फर्क पड़ा है। सितंबर 2019 तक आईटीसी रिफंड के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड सिस्टम लागू किया जाएगा।

एमईआईएस की जगह अब आरओडीटीईपी
एमईआईएस 1 जनवरी 2020 से खत्म, इसकी जगह आरओडीटीईपी एक जनवरी से लागू होगा। नए आरओडीटीईपी से 50 हजार करोड़ का फायदा होगा। बता दें कि मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम यानी एमईआईएस के तहत सरकार प्रॉडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है।


दशहरा से ई-असेसमेंट स्कीम
बजट में सबका विश्वास की बात कही गई थी। इसका मतलब है कि अगर दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल किया जाता है तो निश्चित जुर्माना देना होगा। इससे कोर्ट में जाने से लोग बचेंगे और देर से भी निश्चित जुर्माना देकर रिटर्न फाइल कर पाएंगे। ई-असेसमेंट स्कीम दशहरा से शुरू की जाएगी जिसका ऐलान किया जा रहा है। इसके अलावा असेसमेंट में कोई व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा। यह आवंटन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा।


सरकारी कदमों से बैंकिंग क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया जिससे बैंक अपनी संपत्ति बढ़ा सकें। 19 सितंबर को हम सभी सरकारी बैंकों के हेड से मिलेंगे और अन्य जरूरतों के बारे में चर्चा करेंगे।’ फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में काफी सुधार दिख रहा है। जुलाई के बाजट में हमने राजकोषीय घाटे का जिक्र किया था। एफडीआई फ्लो के बारे में हम काफी बात कर चुके हैं। अबतक इसमें सुधार ही हुआ है। अगस्त में इसमें काफी सुधार देखा गया है।


अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए बड़े ऐलान
हम हर बार यह कोशिश करते हें कि पिछली घोषणाओं से आज की बातों को जोड़ा जाए। आज की प्रजेंटेशन में मैं पहले ब्रीफ में पिछली बातों का जिक्र करूंगा और किसी सेक्टर में अगर कोई सुधार हुआ है तो उसका भी जिक्र किया जाएगा। पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए थे। वित्त मंत्री ने 30 दिनों में जीएसटी रिफंड, बैंकों में 70 हजार करोड़ की पूंजी डालने, फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पर बढ़े सरचार्ज को वापस लेने का लान किया था।

आर्थिक सुस्ती पर विपक्ष के निशाने पर है सरकार
इस समय सरकार विपक्ष के निशाने पर है और सरकार के सामने यह चुनौती है कि इस आर्थिक सुस्ती से कैसे निपटा जाए। पिछली तिमाही में विकास दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई। इसके बाद सरकार की नीतियों को लेकर विपक्ष घेरने का मौका नहीं छोड़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया।

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