कैडल मार्च छोड़, खुद ही बेटियों की सुरक्षा के लिए बढ़ाने होंगे कारगर कदम

महानगर की जनता ने कहा, सरकार को सख्त कदम उठाने की जरुरत

कोलकाता,समाज्ञा : हमारे देश में स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है, उन्हें देवी तुल्य पूजनीय माना जाता है। कहते है यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अथार्त जहां स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। वहीं दूसरी ओर, हमारे समाज में नारियों से  नित्य जघन्य अपराध किया जा रहा है, उनकी अस्मिता को प्रतिदिन कुचला जा रहा है। रोज उन्हें बलात्कार, हिंसा व रुढ़ीवादी परम्पराओं, दकियानुसी विचार धाराओं व दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं की आग में झोंका जा रहा है। दिल्ली की निर्भया, कोलकाता का पार्क स्ट्रीट दुष्कर्म कांड, कठुआ की आसिफा, हैदराबाद की डॉ रेड्डी, न जानें ऐसी कितनी बेटियों को हैवानियत का शिकार होना पड़ा। जब ये अपराध की घटनाएं सामने आती हैं तो हमारा देश कैंडल मार्च पर निकल पड़ता है, सोशल मीडिया पर अपराधियों के प्रति आक्रोश सामने आने लगता है, लेकिन जब इन अपराधों को अंजाम दिया जाता है तो लोगों की जागरूकता, इनका गुस्सा कहां खत्म हो जाता है? तब लोग किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं करते? क्यों चुपचाप यह सब देख अपना मुंह फेर लेते है, तब पोस्टर और मोमबत्तियों वाले हाथ उनको बचाने के लिए आगे क्यों नहीं बढ़ते? इन्हीं सवालों का जबाव और लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानने समाज्ञा की टीम साउथ कोलकाता के नेताजी कूदघाट इलाके में पहुंची।

पेश है जनता से बातचीत के मुख्य अंश : 

आलोलिका हर ने कहा कि हर कोई दुष्कर्म की घटनाओं के बारें में सोशल मिडिया पर अपनी टिप्पणी और प्रतिक्रिया जताता है, कैंडल मार्च निकाला जाता है और बलत्कारियों को फांसी देने की मांग करता है। लोगों ने निर्भया कांड के बाद भी यही किया था और कुछ समय के प्रदर्शन और विरोध के बाद फिर से लोग शान्त हो गए। जिसका नतीजा है कि फिर से हैदाराबाद में दुष्कर्म की घटना घटी। मेरा लोगों से यही कहना कि वह सिर्फ सोशल मिडिया पर अपना गुस्सा दिखाना बंद कर कारगर कदम उठाना शुरू करें।      

गौतम चौधरी का कहना है कि बहुत से लोग ऐसे है जो कि छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं में महिलाओं की मदद के लिए आगे आना चाहते है, लेकिन अपनी जीवन की सुरक्षा के बारे में सोच कर वह आगे नहीं आ पाते। वहीं आज लोगों का चरित्र पहले की तुलना में काफी खराब हो गया है, शिक्षा में कमी के कारण इस तरह की घटनाएं घटित होती है। साथ ही प्रशासन को भी सतर्क होना होगा।  

विश्वनाथ घोष दस्तीदार ने इन बलात्कार की घटनाओं को लेकर बोला कि सिर्फ प्रशासन के सतर्क होने से कुछ नहीं होगा। हमें खुद भी आगे बढ़ना होगा, लोग यदि इन घटनाओं का प्रतिवाद करना नहीं शुरू करेंगे तो ऐसी घटनाएं और घटेंगी।

अनुपम दत्ता ने बताया कि आजकल लोग खुद के बारे में सोचते है। दूसरों की मुसीबतों में आगे नहीं बढ़ना चाहते, लोग स्वार्थी हो गए है। जितनी स्वार्थता बढ़ेगी इस तरह की घटनाएं और घटेंगी। लोग दिखावे के लिए आजकल कैंडल मार्च निकालते है लेकिन दिल से कभी इन घटनाओं को लेकर दुखी नहीं होते।  

देवाशीष रॉय चौधरी का कहना है कि हैदराबाद दुष्कर्म की घटना वर्तमान में समाज के सबसे बुरी अवस्था का उदाहरण है। इसक पहले भी इस तरह की कई घटनाएं घटी है, यदि इन घटनाओं के बाद आरोपियों को कड़ी सजा दी गई होती तो इस तरह की घटनाएं बार-बार घटित नहीं होती।

तपन भादुड़ी ने बोला कि जो लोग इन दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दे रहे है उनकों जड़ से उखाड़ फेकना चाहिए। ऐसे हैवानों की समाज में कोई जगह नहीं है। जितनी भी दुष्कर्म की घटनाएं घटती है उसका सबसे बड़ा कारण शिक्षा का अभाव होना, अज्ञानता का होना। लोगों में इन घटनाओं को लेकर एकजुटता ना होना। 

जय सिंह ने कहना है कि देश में हर दूसरे दिन ऐसे जघन्य अपराधों की घटना सुनने को मिलती है, यह सब सुन कर दिल दहल जाता है। अगर देश का हर नागरिक दूसरों की मां, बहनों को अपनी मां बहन समझ कर उनकी रक्षा करने की ठान ले और सोशल मिडिया पर अपना आक्रोश दिखाने के बजाए खुद महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आए तो इस तरह की घटनाएं नहीं घटेंगी। 

निर्मलया भंडारी ने इन घटनाओं पर कहा कि हम सभी को कैंडल मार्च, विरोध प्रर्दशन, धरना प्रदर्शन और सोशल मिडिया पर अपना आक्रोश दिखाने के बजाए इन अपराधों के खिलाफ एकजुट होना पड़ेगा। तब कही जाकर इन घटनाओं पर लगाम लग सकेगी।

ललिता मंडल ने बोला कि हमारे देश में हम महिलाएं सुरक्षित नहीं है, इन घटनाओं को सुनकर हर रोज एक डर सा बना होता है। हमें खुद भी इन घटनाओं को लेकर सचेत होना होगा और अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं जागरूक होना। केवल प्रशासन इसमें कुछ नहीं कर सकता हम लोगों को भी इन अपराधों के खिलाफ एक साथ होकर लड़ना होगा। 

Written by :अंकिता यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *