राहत सामग्री बांटने में राजनीति नहीं करने के ममता के बयान पर राज्यपाल की सहमति

बिना राजनीति के सरकारी व गैर सरकारी संगठनों को मदद के लिए आना चाहिए आगे : राज्यपाल

कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस राय से सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘बुलबुल’ तूफान से प्रभावितों को राहत सामग्री बांटने में राजनीति नहीं होनी चाहिए। धनखड़ ने कहा कि वह तूफान प्रभावित इलाकों के हालात की समीक्षा करेंगे और इसके बाद फैसला करेंगे कि वहां का दौरा करना है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘सभी एजेंसियां काम कर रही हैं। मैं मानता हूं कि यह समय है जब सभी एजेंसियों को आगे आना चाहिए, सरकार और गैर सरकारी संगठनों को इन लागों के लिए आगे आना चाहिए जिन्होंने तूफान में अपनी संपत्ति या अपनों को खोया है। मैं सभी के लिए हूं। मैं राजनीति नहीं चाहता।’ धनखड़ ने कहा, ‘मैं लोगों से आह्वान करूंगा कि वे राजनीति नहीं करें क्योंकि जिस क्षण आप शासन में राजनीति को शामिल करते हैं तो यह लोकतंत्र के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाते हैं।’ राज्यपाल की प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के दक्षिण 24 परगना में हुए भारी विरोध के एक दिन बाद आई है। सुप्रियो बुधवार को तूफान से तबाही का जायजा लेने गए थे जहां पर लोगों के समूह ने मंत्री वापस जाओ के नारे लगाए। सुप्रियो ने विरोध करने वालों को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रभावित बशीरघाट जिले में प्रशासनिक अधिकारियों से की गई समीक्षा बैठक के बाद लोगों से सकारात्मक रहने और मदद में राजनीति नहीं करने की अपील की। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को सागर द्वीप के पास तट से टकराए ‘बुलबुल’ तूफान से पश्‍चिम बंगाल में 14 लोगों की मौत हुई है। तूफान से दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और मेदिनीपुर जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। छह लाख लोग प्रभावित हुए हैं और पांच लाख मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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