* ट्वीट कर राज्य चुनाव आयुक्त से मांगी जानकारी
कोलकाता : राज्य में एक तरफ निकाय चुनावों की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है। इस बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी चुनाव की तैयारियों को लेकर सक्रिय होने लगे हैं। चुनाव के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य के चुनाव आयुक्त सौरभ दास को उन्होंने बुलाया है। राज्यपाल ने 27 फरवरी को चुनाव आयुक्त से पूरे अपडेट की मांग की है। हालांकि चुनाव आयुक्त ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने की बात से इनकार किया है। नवान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने नगर निगम और पालिका चुनावों की तिथि निर्धारित कर दिया है। हालांकि अभी तक इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई कागज चुनाव आयोग के पास नहीं भेजा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता नगरपालिका और हावड़ा नगरनिगम का चुनाव इस बार एक साथ ही करवाया जा सकता है। 5 वर्ष पहले एक दिन केवल कोलकाता नगरपालिका का चुनाव हुआ था और 15 दिन बाद अन्य नगरपालिकाओं में चुनाव हुआ था। सूत्रों के अनुसार 12 अप्रैल को कोलकाता और हावड़ा नगरनिगम का चुनाव और 26 अप्रैल को अन्य निकायों का चुनाव करवाया जाएगा। इन सबके बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर चुनाव कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की बात कही। उन्होंने लिखा है कि भारतीय संविधान की धारा 243के ने राज्य के चुनाव आयुक्त को निकाय चुनावों का संचालन करने का दायित्व दिया है।

इस बारे में पूछने पर राज्य चुनाव आयुक्त सौरभ दास ने बताया कि राजभवन से अभी तक उनके पास कोई पत्र नहीं आया है। मैंने ट्वीटर पर राज्यपाल का ट्वीट देखा है। लेकिन आधिकारिक तरीके से इस बारे में अभी तक मुझे कुछ नहीं पता है। क्या राज्यपाल उन्हें राजभवन में बुलाकर चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछ सकते हैं, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि राज्यपाल पत्र भेजकर मुझे बुलाएंगे। यदि राज्यपाल फोन करते हैं तो सोच कर देखुंगा। आमतौर पर देखा जाता है कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित तिथि पर ही चुनाव आयोग चुनाव करवाती आयी है। इस बार भी उसी ट्रेंड के बने रहने की संभावना ही ज्यादा दिखायी दे रही है। नगरोन्नयन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैरकपुर इलाके के 4 निकायों में अभी चुनाव नहीं होगा। इसका कारण बताते हुए कहा जा रहा है कि बैरकपुर को नगरनिगम बनाने की तैयारी चल रही है। दूसरी तरफ चुनाव की तिथि को लेकर विरोधी पार्टी भाजपा का आरोप है कि तृणमूल विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के समय में चुनाव करवाकर विरोधियों को चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं देना चाहती है।