आर्थिक पैकेज के तीसरे किश्त में लोकल से ग्लोबल पर जोर

-टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपए डाले जाएंगे

-मोदी सरकार ने मछुआरों को दिए 20 हजार करोड़

नई दिल्ली – कोरोना संकटकाल में मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आगाज किया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरी किस्त का एलान किया। उन्होंने आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्तार से बताया।

वित्त मंत्री ने बताया कि टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। इस योजना में टमाटर, प्याज और आलू के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों को भी जोड़ा जाएगा। इसे अभी 6 महीने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लाया जाएगा। इससे नष्ट हो जाने वाली फसलों और फसलों को कम मूल्य पर बेचने के नुकसान से किसान बचेंगे। योजना में 50 फीसद सब्सिडी ट्रांसपोर्टेशन और 50 फीसद सब्सिडी भंडारण पर दी जाएगी। इससे किसान फसलों को अच्छे दाम पर बाद में बेच सकेगा।

लोकल से ग्लोबल में किसानों को क्या – क्या मिला1. कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। इस दौरान MSP खरीदारी के जरिए किसानों के हाथों में 74,300 करोड़ रुपये दिए गए। पीएम किसान योजना के तहत उनके खाते में 18,700 करोड़ रुपये जमा किए गए। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपये के दावों की पूर्ति की गई।

2. कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ का ऐलान। वित्त मंत्री ने कहा कि अपने देश में कृषि उत्पादों के लिए भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है। उचित भंडारण नहीं होने के कारण अनाज को काफी नुकसान पहुंचता है।

3. किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन करेगी। अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू सहित कृषि खाद्य सामग्री को डी-रेग्युलेट किया जाएगा

4. किसानों की जोखिम रहित खेती, निश्चित आय और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनाया जाएगा, यह कानून किसान को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेगा।

5. कृषि उपज मूल्य और गुणवत्ता पर किसान को आश्वासन प्रदान करने के लिए, किसानों को उचित और पारदर्शी तरीके से प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ जोड़ने के लिए सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा

6. ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा। इसके लिए 500 करोड़ की घोषणा की गई है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छह महीने के लिए लागू किया जाएगा।

7. हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है। अगले दो सालों में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती का लक्ष्य रखा गया है। गंगा किनारे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। हर्बल खेती से किसानों को 5000 करोड़ की इनकम होगी।    

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