अयोध्या में रचा गया इतिहास, भूमि पूजन संपन्न

अयोध्या : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां भूमि पूजन कर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की आधारशिला रखी और कहा कि आज सदियों का इंतजार खत्म हुआ है।
राम मंदिर को राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक और भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की प्रेरणा देगा, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरित करेगा।
दशकों तक हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद का केंद्र रहे श्री राम जन्मभूमि स्थल पर जब मोदी पूजा-अर्चना कर रहे थे, उस वक्त देशभर के लोग अपने घरों में टेलीविजन से चिपके रहे और इस पल के गवाह बने। पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने इस विवाद का निपटारा कर दिया था।


प्रधानमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत ‘‘सियावर रामचंद्र की जय’’ और ‘‘जय सिया राम’’ के उद्घोष से की।
उन्होंने कहा कि यह उद्घोष सिर्फ राम की नगरी में ही नहीं, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। उन्होंने सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को इस ‘‘पवित्र’’ अवसर पर ‘‘कोटि कोटि’’ बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘‘हमारे रामलला’’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है।’’
मोदी ने कहा कि ‘‘राम सबके हैं, सब में हैं’’ और उनकी यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है।

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उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा।
मोदी ने कहा, ‘‘राम का मंदिर भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा, अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा और मार्गदर्शन करता रहेगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए कि इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन ‘‘राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।’’

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