‘जब कारीगर ही नहीं हैं दुकान में, तो कैसे बनेगी मिठाई’

मौमिता भट्टाचार्य

कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और इसके खतरे को रोकने के लिए देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी। जनता कर्फ्यू के बाद एक दिन का समय देकर शाम से लॉक डाउन शुरु कर दिया गया। इस वजह से केवल आपातकालिन सुविधाएं प्रदान करने वाले कुछ क्षेत्र जैसे दवाई दुकान, किराना दुकान, हरी सब्जियां आदि को ही निर्धारित समय में दुकान खोलने की अनुमति प्रदान की गयी थी। मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थों के दुकानों को बंद कर देना पड़ा था। इस बीच दुकान बंद हो जाने के कारण मिठाई की दुकानों में जो हलवाई या कारीगर काम करते थे, वे लॉक डाउन शुरु होने से ठीक पहले दिन में जब बस व गाड़ियां चल रही थी, तब अपने-अपने घर वापस चले गये। जो लॉक डाउन के दौरान बस व ट्रेनों के बंद हो जाने के कारण घरों में ही फंस गये और वापस काम पर नहीं आ सके। इस बीच राज्य सरकार ने मिठाई की दुकानों को दिन में 4 घंटों के लिए खोलने की अनुमति दे दी। अब दुकानदारों के सामने समस्या खड़ी हो गयी है कि कारीगर के ना होने के कारण वे चाह कर भी ना मिठाईयों की पूरी आपूर्ति नहीं करवा पा रहे हैं। खासतौर पर इस समस्या से गली व मुहल्लों के छोटे मिठाई दुकानदारों को रुबरु होना पड़ रहा है।

  • मिठाई दुकान के मालिकों की शिकायतें

पाईकपाड़ा इलाके में स्थित मिठाई दुकान सत्यनारायण मिष्टान्न भंडार के मालिक दोपहर के लगभग 1 बजे अपने दुकान को समेटते हुए दुकान में काम करने वाले छोटे बच्चे पर झल्लाते हुए कहते हैं कि जल्दी से काम खत्म कर कारखाने में जाकर वह भी आराम कर लें। उनकी दुकान कैसी चल रही है और मिठाईयों की सप्लाई कैसी है, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मिठाईयों की सप्लाई कैसे पूरी होग, जब कारीगर ही नहीं है। मेरे कारखाने में मशीन की सहायता से भी मिठाईयां बनती हैं, इसलिए मैं एक या दो प्रकार की मिठाईयां बनाकर दुकान में रख पाया हूं। मेरे सभी कारीगर घर चले गये हैं। मेरे कारखाने में बस 2 बच्चे काम करते हैं, जिनपर मैं काम का ज्यादा दबाव नहीं डाल सकता हूं। मैंने इनमें से एक को कारखाने में रखा है और दूसरे को दुकान में मेरा हाथ बंटाने के लिए रखा है।

  • दुकान खोलने का समय भी ठीक नहीं

दुकान खोलने के समय को लेकर मिठाई दुकान के मालिक ने शिकायत करते हुए कहा कि सरकार ने दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति दी है। यह ऐसा समय होता है जब अधिकांश लोग घरों में ही रहना पसंद करते हैं। ऊपर से इस तेज धुप और गर्मी के मौसम में कोई बाहर निकलना ही नहीं चाहता है। यदि लोग मिठाईयां नहीं खरीदेंगे तो हमें नुकसान उठाना पड़ेगा ही। ऊपर से दुकान खुल रहे हैं, इसलिए दुध के सप्लायर पूरी मात्रा में दुध सप्लाई कर रहे हैं। हमारे लिए यह भी समस्या बन गयी है कि उस दुध का क्या किया जाए।

  • ग्राहक मायूस

मिठाई की दुकान खुलने से खुश ग्राहकों को दुकानों पर पहुंच कर मायूसी हो रही है। इस दुकान पर मिठाई खरीदने आये एक दंपति ने बताया कि हम दोनों को ही मिठाईयां बहुत पसंद है। इतने दिनों बाद मिठाई की दुकान खुलेगी सुनकर हमें बहुत खुशी हुई थी। लेकिन दुकान पर आकर हमें बुरा लगा रहा है, क्योंकि यहां हमारी पसंद की कोई मिठाई नहीं है। हमें खाली हाथ ही वापस घर जाना पड़ रहा है। लॉक डाउन के दौरान ऐसी परिस्थिति भी नहीं है कि हम किसी और दुकान में जाकर मिठाई खरीदे।

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