हावड़ा नगर निगम चुनाव : 70 प्रतिशत पूर्व पार्षदों की कट सकती है टिकट!

Story – Khusboo singh

टीम पीके के सर्वे में पूर्व पार्षदों को मिल रहा है निगेटिव फीड बैक

हावड़ा : लोकसभा चुनाव में भाजपा के 2 से 22 सीट तक पहुंच जाने के कारण तृणमूल निकाय और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सतर्क हो गयी है। अब निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन दोहराने के लिए तृणमूल ने कमर कस ली है। यही कारण है कि वह निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन में खास सतर्कता बरत रही है। राज्य की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव की कमान प्रशांत किशोर के हाथों में सौंपी है। इस क्रम में पीके द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व कोलकाता नगर निगम, हावड़ा नगर निगम समेत और राज्य के अन्य निकायों पर चुनाव से पहले सर्वे करा जा रहा है। ताकि चुनाव के पहले समर्थन का आधार पता किया जा सके। तृणमूल के सूत्रों ने बताया कि पार्टी चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी टीम की मदद से यह सर्वे करवा रहे हैं। सूत्र ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही रणनीति तय की जाएगी और निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

*पार्षदों की छवि पता कर रही है 30 लोगों की टीम

सूत्रों की मानें तो पीके की ओर से 30 लोगों की एक टीम पूरे हावड़ा में काम कर रही है। यह टीम सभी वार्डों में घूम-घूमकर दूकानदारों से वार्ड के पार्षदों की छवि के बारे में जानने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही टीम के कुछ सदस्य इलाके में डोर-टू-डोर जाकर भी पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में पार्षद के काम और उनके, जनता के प्रति व्यवहार के बारे में पता कर रहे हैं। इसके अलावा एक वार्ड के पार्षद के बारे में दूसरे वार्ड के लोगों से भी पता किया जा रहा है। 

*‘शफ्लिंगआधार पर टीम से कराया जा रहा है काम

विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि हावड़ा में काम कर रही पीके टीम शफ्लिंग (अदल-बदल) के आधार पर काम कर रही है। इसके तहत जो टीम आज उत्तर हावड़ा का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेगी, कल उसी टीम को उत्तर हावड़ा की जगह दक्षिण या मध्य हावड़ा में सर्वे करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें संभावित दावेदारों के संबंध में फीडबैक लेने के साथ ही उनकी सियासी पकड़ समेत अन्य बिंदुओं का आकलन किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पीके और पार्टी सुप्रीमों  दावेदारों को चुनने में पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं रखना चाहती है। इस कारण शफ्लिंग आधार पर काम कराया जा रहा है। दो टीमों से रिपोर्ट मिलने के बाद यह प्रत्याशी चयन का अहम आधार बनेगी। 
*कुछ ही पूर्व पार्षदों की छवि मिली है साफ

सूत्रों ने बताया कि टीम के सर्वे के अनुसार हावड़ा के कुछ ही पूर्व पार्षदों के बारे में लोगों से पॉजिटिव फीडबैक मिला है। सूत्र के मुताबिक करीब 70 प्रतिशत पूर्व पार्षदों के नाम किसी न किसी आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त है। जनता से भी उनके बारे में निगेटिव फीडबैक मिल रहा है। ज्ञात हो कि पीके ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि साफ-सुथरी छवि वालों को ही टिकट दिया जाएगा। वही टीम के रिपोर्ट के मुताबिक जनता भी अपने इलाके में काम करने वाला और साफ-सुथरी छवि वाले पार्षद चाहती हैं।

*दैनिक आधार पर सौंपा जा रहा है सर्वे की रिपोर्ट

सूत्रों ने बताया कि टीम दैनिक आधार पर अपने सर्वे की रिपोर्ट तैयार कर सौंप रही है। इसके आधार पर पीके पूर्व पार्षदों का आंकलन कर रहे हैं। उसके बाद वे अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर सीएम ममता बनर्जी को सौंपेंगे। अंतत: दावेदारों की सूची पार्टी ही तैयार करेंगे।        

*2021 के विधानसभा चुनाव है लक्ष्य
बता दे कि नगर निकायों के चुनाव को विधानसभा चुनाव का छोटा रूप माना जा रहा है। बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई ने 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य रखा है। लेकिन राज्य में तृणमूल अपनी धाक बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। तृणमूल जानती है कि अगर नगर निगम और नगर पालिकाओं पर पकड़ बनी रहेगी तो विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना बहुत हद तक आसान हो जाएगा।

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने टीएमसी को कड़ी टक्कर दी थी। अब बीजेपी की नजर विधानसभा चुनाव पर है। बीजेपी ने राज्य की 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर कब्ज जमाया था, जबकि टीएमसी वर्ष 2014 के चुनाव के मुकाबले 34 से घटकर 22 सीट पर ही सिमट कर रह गई है।

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