मुझे कोई डंडा नहीं मार सकता मेरे पास देश की माता- बहनों का कवच- मोदी

कोकराझारः बोडो शांति समझौते के बाद पहली बार असम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर जमकर पलटवार किया। उन्‍होंने कहा कि कुछ नेता उन्‍हें डंडे मारने की बात करते हैं लेकिन देश की माताओं और बहनों के आशीर्वाद से मैं बच जाऊंगा। पीएम ने कहा कि जिस मोदी को इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों की सुरक्षा हो, उसे कोई डंडा नहीं मार सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग एनआरसी, सीएए को लेकर भ्रम फैला रहे हैं लेकिन नॉर्थ-ईस्‍ट के लोगों से कहना चाहता हूं कि वे देश विरोधी ताकतों पर भरोसा न करें। उन्‍होंने कहा कि असम शांति समझौता नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत है।

कोकराझार में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज जो उत्साह, जो उमंग मैं आपके चेहरे पर देख रहा हूं, वो यहां के आरोनाई और डोखोना के रंगारंग माहौल से भी अधिक संतोष देने वाला है। आजादी के बाद यह सबसे बड़ी राजनीतिक रैली है। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसी रैली नहीं देखी।’ पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन उन हज़ारों शहीदों को याद करने का है, जिन्होंने देश के लिए अपने कर्तव्य पथ पर जीवन बलिदान किया। असम में अब कोई हिंसा नहीं होगी।

‘असम अकॉर्ड की धारा-6 को करेंगे लागू
उन्‍होंने कहा, ‘अकॉर्ड के तहत (बीटीएडी) में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपए का स्पेशल डिवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ि जैसे जिलों को मिलेगा। अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए। मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी।’

पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस नॉर्थ-ईस्ट में हिंसा की वजह से हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए थे, अब यहां उन लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की नई सुविधाएं दी जा रही हैं। हमने नॉर्थ-ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों के भावनात्मक पहलू को समझा, उनकी उम्मीदों को समझा, यहां रह रहे लोगों से बहुत अपनत्व के साथ, उन्हें अपना मानते हुए संवाद कायम किया। पहले नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों को दिल्ली से बहुत दूर समझा जाता था, आज दिल्ली आपके दरवाजे पर आई है।’

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