कोलकाता: गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का बोलबाला होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को आगाह किया कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध और मजदूरों की अनदेखी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बहुत भारी पड़ेगी तथा बंगाल की जनता उन्हें ‘‘राजनीतिक शरणार्थी’’ बना देगी। ।
पश्चिम बंगाल में एक ‘डिजिटल रैली’ को संबोधित कर रहे शाह ने राज्य के लोगों से ‘बंगाल में परिवर्तन’ की लड़ाई से जुड़ने का आह्वान किया । उन्होंने आरोप लगाया कि एकमात्र पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है जहां राजनीतिक हिंसा का बोलबाला है।
शाह ने बंगाल में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं किये जाने का जिक्र करते हुए कहा ‘‘ ममता दीदी बंगाल की धरती पर आयुष्मान योजना इसलिए लागू नहीं करना चाहतीं कि कहीं नरेंद्र मोदी अधिक लोकप्रिय न हो जाएं। हम गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य खर्च देना चाहते हैं, लेकिन वह (ममता) इसे लागू नहीं होने दे रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में जब भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा, तब यहां आयुष्मान भारत योजना लागू की जायेगी ।
पश्चिम बंगाल ‘जन संवाद रैली’ में पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘‘ कम्युनिस्ट, तृणमूल दोनों को आपने आजमाया है। एक मौका भाजपा को देकर देखें । भ्रष्टाचार नहीं होगा, टोलबाजी नहीं होगी और बंगाल विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा । ’’
गृह मंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून का ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने का जिक्र करते हुए पूछा ‘‘बांग्लादेश से आए बंगालियों ने आपका क्या बिगाड़ा ? उन्हें नागरिकता मिलने से आपको क्या तकलीफ थी ?’’
उन्होंने कहा कि यह विरोध ममता बनर्जी को काफी भारी पड़ेगा और ‘‘बंगाल की जनता उन्हें राजनीतिक शरणार्थी बनायेगी ।’’
पश्चिम बंगाल में साल 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं । माना जा रहा है कि शाह ने इस डिजिटल रैली के माध्यम से अपनी पार्टी की चुनावी मुहिम शुरू कर दी है।
प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर ममता सरकार को घेरते हुए शाह ने कहा ‘‘प्रवासी मजदूरों के लिये सबसे कम ट्रेन लेने वाले राज्यों में पश्चिम बंगाल प्रमुख है और इसके कारण श्रमिकों को परेशानियां हुईं। जिस ट्रेन को ‘कोरोना एक्सप्रेस’ कहा गया, वही ट्रेन तृणमूल कांग्रेस को बंगाल से बाहर निकालने वाली गाड़ी बन जायेगी ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ देशभर में हमने लगभग 4,300 ट्रेनों और सैकड़ों बसों के माध्यम से सवा करोड़ से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया। मगर प्रवासियों को लेकर आ रही ट्रेनों को ममता दीदी ने कोरोना एक्सप्रेस का नाम दे कर बंगाली श्रमिकों का अपमान किया है । मजदूर यह अपमान नहीं भूलेगा।’’
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा ‘‘आप क्यों बंगाल के किसान को परेशान कर रही हैं। वह चक्रवात अम्फान से पीड़ित है। आप क्यों उसे छह हजार रुपये लेने से रोक रही हैं। कृपया किसानों की सूची भेज दीजिए, हम किसानों की मदद करना चाहते हैं और उनके लिए तत्काल पैसा भेजेंगे।’’
गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए के अधिकतर प्रावधान हटाने और राम मंदिर, एक बार में तीन तलाक को आपराधिक बनाने के मुद्दे का भी उल्लेख किया । उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के कामकाज का हिसाब लेकर आए हैं, और चाहते हैं कि ममता बनर्जी 10 साल के कामकाज का हिसाब दें।
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है । उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले हुए, जानें गई, काफी घायल हुए, ये लोकतंत्र है क्या ?
अमित शाह ने कहा, ‘‘ भले ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में देश भर में 303 सीटें मिली हैं लेकिन मेरे लिए सर्वाधिक महत्व बंगाल की 18 सीटों पर मिली विजय का है।’’
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