महिलाओं की सुरक्षा को हकीकत बनाने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने के तत्काल कदम उठाएं: अदालत

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के संवेदनशील स्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए तत्काल और आपात कदम उठाने के निर्देश मंगलवार को दिल्ली पुलिस को दिए और कहा कि इससे ‘अपराध में कमी’ लाने और महिलाओं की सुरक्षा को हकीकत बनाने में मदद मिलेगी। न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ए जे भम्भानी की पीठ ने दिल्ली पुलिस को कैमरा लगाने के लिए तीन माह का वक्त दिया और कहा कि अगर और वक्त की जरूरत पड़ी तो उसे बढ़ाया जाएगा। अदालत ने यह आदेश तब दिया जब दिल्ली पुलिस की ओर से दिल्ली सरकार के स्थाई वकील (अपराध) राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि शहर के 44 संवेदनशील स्थानों पर 6,630 कैमरे 28 मार्च 2021 तक ही लगाए जा सकेंगे,जबकि पहले इसके इस वर्ष जनवरी तक पूरा होने का अनुमान था। मेहरा ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया की मंजूरी मिलने में वक्त लगा और इसी के कारण पहले की समयसीमा का पालन नहीं हो सका। अदालत ने इस पर कहा,‘‘दिल्ली पुलिस शहर के संवेदनशील स्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए तत्काल और आपात कदम उठाए क्योंकि अपराध में कमी लाने और महिलाओं की सुरक्षा को हकीकत बनाने में काफी समय लगेगा।’’अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। गौरतलब है कि अदालत 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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