कलकाता की महत्वपूर्ण सीट है जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र
कोलकाता, समाज्ञा : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के तारीखों की घोषणा के बाद 5 मार्च को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राज्य में 291 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की। इस बार ममता बनर्जी ने 100 नये चेहरों को टिकट दिया है। इसमें कोलकाता की महत्वपूर्ण सीट जोड़ासांको भी शामिल है। यहां पिछले 2 दशक से तृणमूल का राज है, वहीं तृणमूल कांग्रेस की स्मिता बक्शी ने वर्ष 2011 व 2016 में इस क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। वर्ष 2016 में भी इस सीट पर सबकी निगाहें गड़ी थी। यहां तृणमूल व भाजपा में कांटे की टक्कर थी, हालांकि 42.85 प्रतिशत लोगों ने स्मिता बक्शी के पक्ष में वोट किया और उन्हें जिताया। इसके अलावा इस क्षेत्र के कद्दावर नेता संजय बक्शी कांग्रेस के समय से इलाके में लोकप्रिय हैं। राजनीतिक गलियारों में उन्होंने खूब नाम कमाया और एक बार पार्षद व विधायक भी रह चुके हैं। 1997 में कांग्रेस छोड़ उन्होंने ममता बनर्जी के साथ हाथ मिला लिया। लोगों का यह भी कहना है कि संजय बक्शी भी तृणमूल कांग्रेस के फाउंडिंग मेम्बर रह चुके हैं। आज भी बड़ाबाजार इलाके में उनका दबदबा कायम है और उनकी पत्नी स्मिता बक्शी कई वर्षों से इस क्षेत्र के वार्ड संख्या 25 की पार्षद भी हैं। संजय बक्शी के बेटे सौम्य बक्शी भी कई वर्षों से तृणमूल से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में वे तृणमूल युवा कांग्रेस के महासचिव हैं। एक तरह से देखा जाए तो जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र में बक्शी परिवार का दबदबा है और लोग उन्हें ही देख कर मतदान करते हैं।
मगर इस वर्ष तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने स्मिता बक्शी की जगह राजनीति के नये चेहरे विवेक गुप्त को जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र का टिकट दिया है। बता दें कि विवेक गुप्त वर्ष 2012 से 2018 तक तृणमूल के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।
ऐसे में देखा जाए तो बक्शी के मुकाबले इलाके में विवेक गुप्त की लोकप्रियता व राजनीतिक अनुभव कितना है इसका आंकलन लगाना फिलहाल संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर इलाके के कई लोगों का ऐसा मानना है कि विवेक गुप्त को टिकट देकर पार्टी ने गलत फैसला किया है तो कुछ इसके समर्थन में भी हैं। इसके अलावा संजय बक्शी व स्मिता बक्शी के समर्थक दीदी के इस फैसले से नाखुश नजर आए। उनका ऐसा मानना है कि संजय बक्शी व स्मिता बक्शी इलाके में लोकप्रिय हैं और लोग उन्हें ही देख कर वोट देते हैं। इसके साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान संजय बक्शी ने सुदीप बंद्योपाध्याय के लिए जमकर प्रचार किया था। वहीं उनके समर्थकों का यह भी आरोप है कि इसके पहले किसी भी चुनाव के दौरान पार्टी से जुड़े रहने के बावजूद भी विवेक गुप्त को न केवल जोड़ासांको बल्कि अन्य इलाकोें से भी प्रचार करते हुए नाम मात्र देखा गया है। इसी बीच इस विधानसभा च्ाुनाव में भारतीय जनता पार्टी बंगाल मेें सरकार गढ़ने का दावा कर रही है। ऐसे में स्मिता बक्शी की जगह नये चेहरे को जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र से टिकट देना क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को भारी पड़ेगा या उनकी राणनीति काम आएगी? यह आने वाला वक्त ही बताएगा।