घर में घिरते जा रहे इमरान खान, सरकार के खिलाफ ‘आजादी मार्च’ को समर्थन देगी नवाज की पार्टी

इस्लामाबाद : भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाने वाले इमरान खान अपनी ‘दमनकारी’ राजनीति के कारण अब खुद अपने घर में घिरते जा रहे हैं। उनपर उनके राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने का आरोप है और अब 31 अक्टूबर को उनकी सरकार के खिलाफ मार्च का आयोजन किया जा रहा है। इस ‘आजादी मार्च’ को पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी ने भी समर्थन देने का फैसला किया है। यह जानकारी नवाज के दामाद कैप्टन सफदर ने उनसे मुलाकात के बाद दी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि नवाज का संदेश है कि हमें मौलाना फजलुर रहमान के जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल के आजादी मार्च में शरीक होना है।


डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर की जवाबदेही अदालत में शुक्रवार को पेशी के लिए जाते वक्त मीडिया से बातचीत में नवाज ने चुनाव के रहमान के आह्वान को याद करते हुए कहा, ‘रहमान ने 2018 चुनाव के बाद इस्तीफे का आह्वान किया था, लेकिन हमने उन्हें ऐसा न करने को कहा था, अब मुझे लगता है कि उनकी बात में दम था। मौलाना के मार्च का समर्थन न करने भूल होगी।’

नवाज ने भाई शाहबाज शरीफ को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है, लेकिन कहा जा रहा कि इस मार्च में मौजूदगी को लेकर दोनों भाई दो फाड़ होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह खबर तब शुरू हुई जब शाहबाज अपने भाई से मिलने जेल नहीं गए। बताया जा रहा है कि शाहबाज इस मार्च में पीएमएल-एन द्वारा समर्थन देने के पक्ष में नहीं हैं।

क्या संकट में है इमरान की कुर्सी
क्या पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की सत्ता खतरे में है? पाकिस्तान में जिस तरह की गतिविधियां तेज हुई हैं, उसको देखते हुए देश के भीतर ऐसे सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को व्यवसायियों को संबोधित करते देखा गया था। इतना ही नहीं वह चीन और पाकिस्तान के बीच हो रही कूटनीतिक बैठक में भी देखे गए थे जो इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हो रही थी। हाल ही में ऐसी खबरें भी उड़ने लगी थीं कि तख्तापलट हुआ तो शाह महमूद कुरैशी अगले पीएम होंगे। यह सवाल उनसे एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल में इंटरव्यू के दौरान पूछा गया था। हालांकि, उन्होंने कहा था कि बहुमत इमरान के नाम पर मिली है तो वही पीएम बने रहेंगे।

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