पत्र नहीं, व्यवसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है भारत सरकार का ‘इंडिया पोस्ट’

कोलकाता : एक जमाना ऐसा था जब लोग घर के दरवाजे पर खड़े होकर डाकिया का इंतजार करते थे। वह समय ऐसा था जब फिल्मों में डाक विभाग या डाकिया पर ‘डाकिया डाक लाया’ या ‘चिट्ठी आयी है’ जैसे गाने भी बन गये थे। फिर समय बदला और डाकिया के आने का सिलसिला धीरे-धीरे कम होने लगा। वर्तमान समय में आलम ऐसा है कि डाक द्वारा प्रियजनों के पत्र आने या उन्हें पत्र भेजना बंद ही हो चुका है। डाक विभाग के पास अब तो कोई काम ही नहीं रह गया है, यह लोगों के जुबान पर आम हो चुका है। इससे इतर डाक विभाग का दावा है कि आपस में चिट्ठियां भेजने की संख्या में तो कमी आयी है किन्तु डाक विभाग के अन्य व्यवसायीक कार्यों में उसी अनुपात में वृद्धि हुई है।

* केवल पत्र भेजना नहीं किये जाते हैं और भी कई काम

गौतम भट्टाचार्य ने कहा कि भारत सरकार के अन्य विभागों से रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन देने का कार्य केन्द्रीय पेंशन विभाग करता है, लेकिन रेलवे और पोस्टल विभाग के रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन देने की जिम्मेदारी भी पोस्टल विभाग की ही होती है। उन्होंने बताया कि 6 माह पहले ही पोस्ट मास्टर ऐप को लॉन्च किया गया ताकि सभी पोस्ट मास्टरों को सुविधा होगी। इसके अलावा राज्य भर में करीब 1,123 आधार सेवा केन्द्र बनाये गये हैं।

* पोस्टल व्यवसाय से ज्यादा सेविंग्स वर्क

गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि इंडिया पोस्ट को पोस्टल सेवाओं से जितनी कमाई होती है, उससे अधिक कमायी सेविंग्स वर्क से होती है। उन्होंने बताया कि देश भर में वर्ष 2017 के दौरान सेविंग्स सर्टिफिकेट के मद में 6,80,079 करोड़ रूपए की कमाई हुई थी, वहीं वर्ष 2018 के दौरान आय बढ़कर 7,22,444 करोड़ रूपए हो गयी। उन्होंने बताया कि पोस्टल विभाग की कुल आय का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा पोस्ट ऑफिस सेविंग्स परियोजना से आती है।

* वित्त वर्ष 16-17 की तुलना में वित्त वर्ष 17-18 में बढ़ा व्यवसाय

डाक विभाग के पश्चिम बंगाल सर्किल चीफ पोस्टमास्टर जनरल गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि वित्तिय वर्ष 2016-17 की तुलना में 2017-18 भारत सरकार के पोस्टल विभाग ने अधिक व्यवसाय किया है। उन्होंने बताया कि भारत के ग्रामिण इलाकों तक इंडिया पोस्ट की पहुंच है। लेकिन कई बार ग्रामिण इलाकों से मेल (पत्रों) को भेजने में यातायात की असुविधा भी होती है। देशभर में करीब 1,55,531 पोस्ट ऑफिस है लेकिन इतने बड़े नेटवर्क की देखभाल करना भी बड़ी समस्या है।

*  आंकड़ों पर एक नजर (आय करोड़ रूपए में)

मेल का प्रकार     वर्ष 2016-17      वर्ष 2017-18

पत्र                       372.86                375.96

पार्सल                  10.25                  16.08

पैकेट मेल           87.59                  88.34

पोस्ट कार्ड           99.89                  106.23

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