नई दिल्ली : अयोध्या केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस अब्दुल नजीर और उनके परिवार के लोगों को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अतिवादी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से जान का खतरा होने की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। गृह मंत्रालय की ओर से सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस को जस्टिस नजीर और उनके परिवार की सुरक्षा पुख्ता करने के आदेश दिए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों को केरल में सक्रिय पीएफआई और अन्य कुछ अतिवादी संगठनों की ओर से खतरे का इनपुट मिला था। कर्नाटक के रहने वाले जस्टिस अब्दुल नजीर और उनकी फैमिली को उनके गृह राज्य समेत देश भर में जेड सिक्यॉरिटी कवर देने का आदेश जारी किया गया है।
जेड सिक्यॉरिटी के दस्ते में होंगे 22 सीआरपीएफ जवान
आदेश के मुताबिक कर्नाटक सरकार की ओर से नजीर और उनके परिवार को बेंगलुरु, मंगलुरू और राज्य अन्य हिस्सों में सुरक्षा दी जाएगी। बता दें कि जेड सिक्यॉरिटी के तहत दस्ते में 22 जवान शामिल होते हैं। गौरतलब है कि 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दशकों से चल रहे अयोध्या मामले में पर फैसला देते हुए 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए दिए जाने का आदेश दिया था।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया रिव्यू पिटिशन का ऐलान
इसके
अलावा
5 एकड़
भूमि
मुस्लिम
पक्ष
को अयोध्या
में
ही कहीं
और दिए
जाने
का आदेश
दिया
गया
है।
हालांकि
इस बीच
मुस्लिम
पर्सनल
लॉ बोर्ड
ने सुप्रीम
कोर्ट
के इस फैसले
पर पुनर्विचार
याचिका
दाखिल
करने
का ऐलान
किया
है।