कहा, 7000 करोड़ रुपए खर्च किए
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि कन्याश्री प्रकल्पा योजना से अभी तक 60 लाख बच्चियों को मदद मिली है। कन्याश्री दिवस की 6वीं वर्षगांठ पर नजरुल मंच में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अक्टूबर 2013 से अब तक इस योजना पर 7000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ममता ने कहा कि कन्याश्री छात्रवृत्ति से बच्चियों को स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अपने सपने पूरे करने में मदद मिली। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिक्षा, खेल व दूसरे क्षेत्रों में सराहनीय प्रदर्शन के लिए छात्राओं को सम्मानित भी किया।
उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि सरकार राज्य के जिलों में कन्याश्री कॉलेजों की स्थापना करेगी। राज्य सरकार अब विवि की विद्यार्थियों को भी विवेकानंद पुरस्कार दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी होने के चलते अन्य भाषाओं की शिक्षा भी जरुरी है लेकिन साथ ही मातृ भाषा की जानकारी भी जरुरी है। अपनी मातृ भाषा को नहीभुलना चाहिए। बांग्ला भाषा हमारे लिए गर्व की भाषा है। इसके जैसे मधुर भाषा दुनिया में नहीं है। उन्होंने कहा कि वे चाहतीं हैं कि कन्याश्री बच्चियां दुनिया में हर क्षेत्र में नाम कमाएं। वे चाहती हैं कि कन्याश्री प्राप्त करने वाली बच्चियां हमेशा अपना सिर उठा कर चलें व कहें कि वे कन्याश्री हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्री ने उत्कर्ष बांग्ला योजना को भी स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कन्याश्री दिवस है, बंगाल के लिए एक खास दिन है। कन्याश्री योजना 2013 में शुरु हुई थी। इसे संरुक्त राष्ट्र (प्रथम पुरस्कार) पुरस्कार भी मिले हैं। बच्चियां हमारे राज्य, हमारे देश और विश्व के लिए बहुमूल्र है। उन्होंने कहा कि कन्याश्री छात्रवृत्ति बच्चियों को स्कूल से कॉलेज, विश्वविद्यालय तक ले जाती है जहां वे भारत की स्वतंत्र महिलाएं बनती हैं। इस पहल से 60 लाख से अधिक बच्चियां सशक्त बनी हैं। योजना की शुरूआत से अब तक इस पर 7000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। संरुक्त राष्ट्र ने ममता बनर्जी सरकार को कन्याश्री योजना के जरिए जन सेवा करने की खातिर 2017 में पुरस्कृत भी किया था।