‘तीसरी आंख’ की खराबी भारी पड़ रही है पुलिसकर्मियों पर

आम्फान में बिगड़ी अब तक नहीं सुधर पाई महानगर की ‘तीसरी आंख’

कहीं रिजॉल्यूशन कम हो गई है तो कहीं काम ही नहीं कर रही है सीसीटीवी कैमरे

बबीता माली

कोलकाता, समाज्ञा : महानगर की तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे में लगा आम्फान के कारण ग्रहण, अब तक नहीं हटा है। इसका खामियाजा पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। सीसीटीवी कैमरे आज के दौर में कितना अहम है ये बताने की जरूरत नहीं है। यह सर्वविदित है कि सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस कई बड़े से बड़े जुर्म से पर्दा उठाने में सफल हुई है। मगर सुपर साइक्लोन आम्फान के कारण महानगर की सैंकड़ों सीसीटीवी खराब हो गई है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के कारण इन खराब हुई सीसीटीवी को ठीक करवाना भी संभव नहीं हो पा रहा है। कुछ को ठीक करवाया गया है लेकिन अधिकतर सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हुए हैं। ऐसे में पुलिसकर्मियों और जांच अधिकारियों को मामलों की तह तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

कहीं पुलिस को धक्का मारने वाले मोटरसाइकिल का नंबर नहीं दिख रहा है तो कहीं अभियुक्त का ट्रेस मिलने में देरी

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे बेहद ही जरूरी है। सीसीटीवी कैमरे लगाने का उद्देश्य यही था कि क्राइम डिटेक्शन को गति मिले और अज्ञात अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिले। सीसीटीवी की खराबी से परेशानी कुछ कम नहीं है। सबसे ज्यादा परेशानी उन मोटरसाइकिल और वाहनों के बारे में पता लगाने पर हो रही है जो वारदात को अंजाम देकर तुरंत ही मौके से फरार हो जाने में कामयाब हो रहे हैं। पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि गत ३० जुलाई की शाम करीब ५ बजे बांसद्रोणी थाना इलाके की पुलिस इलाके में नाका चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक युवक और युवती को मोटरसाइकिल पर बिना हेलमेट के जाते हुए देखा। जब वहां नाका कर रहे पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने को कहा लेकिन वे रुके नहीं। जब उन्हें रोकने की एक सब इंस्पेक्टर ने कोशिश की तो वे उसे ही धक्का देकर वहां से फरार हो गए। इसके बाद उक्त मोटरसाइकिल का नंबर लेने के लिए इलाके में लगी सीसीटीवी का फुटेज निकाला गया तो देखा गया कि कैमरे का रिजॉल्यूशन इतना कम है कि उसमें मोटरसाइकिल का नंबर ही नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में उस घातक मोटरसाइकिल सवार तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाई। एक एसआई को धक्का मारकर घायल करने वाला मोटरसाइकिल सवार खुलेआम घूम रहा है। वहीं इस तरह के कई मामले कई थाने में सामने आ रहे हैं। कुछ दिनों पहले काशीपुर थाने में राहजनी की घटना घटी थी। सूत्रों की मानें तो जहां घटना घटी थी वहां सीसीटीवी कैमरे थे। अगर सीसीटीवी कैमरे ठीक होते तो कुछ ही घंटों में अभियुक्त को पकड़ा जा सकता था लेकिन अभियुक्त को पकड़ने में पुलिस को दो दिन का समय लग गया। इसके कारण पुलिसकर्मियों की वरिष्ठ अधिकारियों ने क्लास भी ले ली। वहीं तारातल्ला थाना इलाके में कई गोदाम और वेयरहाउस है। यहां पुलिस की तरफ से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के अलावा स्थानीय गोदाम और वेयरहाउस के मालिकों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। सूत्रों ने बताया कि वर्ष २०१८ में ही थाने के ओसी ने गोदाम और वेयरहाउस मालिकों संग मीटिंग कर सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा था और कैमरे लगाए गए। लेकिन आम्फान के कारण जहां पुलिस द्वारा लगाए गए कैमरे खराब हो गए वहीं प्राइवेट कैमरे भी खराब हो गए हैं। ऐसे में वहां गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

कोरोना के कारण कैमरे ठीक करवाने में आ रही है मुश्किल

लाल बाजार के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोरोना के कारण टेक्निकल लोगों का मिलना मुश्किल हो रहा है। लोग अभी आना नहीं चाह रहे हैं जिससे कैमरे ठीक करवाने का काम अधर में लटका हुआ है। वहीं अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि

 महानगर में करीब 2000 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे है जो थाने और ट्रैफिक द्वारा मॉनिटरिंग किए जाते हैं। आम्फान की तेज गति से पूरे महानगर की दशा ही बिगड़ गई थी ऐसे में सीसीटीवी कैमरे को बचा पाना काफी मुश्किल था। सीसीटीवी कैमरे खराब है इसका जांच में असर पड़ रहा है लेकिन पुलिस के पास और भी कई तरीके है। पहले भी सीसीटीवी कैमरे के बगैर अपराधियों को पकड़ा जाता था। अभी भी कुछ इसी तरह पुलिस अधिकारी अपना काम कर रहे हैं।

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