दिल्ली जैसी स्थिति के कगार पर कोलकाता का प्रदूषण स्तर

मेयर की पहल पर सलाहकार समिति का गठन

कोलकाता समाज्ञा : पूरा देश दिल्ली के प्रदूषण को लेकर चिंतित है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने भी मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। लेकिन, खुद महानगर में भी वायु प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि महानगर की स्थिति भी दिल्ली की स्थिति तक पहुंचने में ज्यादा देर नहीं है।

दोपहर २ बजे की तस्वीर

रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को वायु प्रदूषण के मामले में कोलकाता ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने से पहले ही मेयर फिरहाद हकीम ने सावधानी बरतने का फैसला किया। इसके विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों से मिलकर एक विशेष सलाहकार समिति बनाई गई हैं। समिति का मुख्य उद्देश्य महानगर में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के बारे में सलाह देना होगा। कलकत्ता विश्‍वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर अनिरुद्ध मुखर्जी समिति की अध्यक्षता करेंगे। साथ ही समिति में आईआईटी खड़गपुर, जादवपुर विश्‍वविद्यालय के विशेषज्ञ शामिल हैं।

दोपहर २ बजे की तस्वीर

बता दे कि वायु प्रदूषण सूचकांक (वायु गुणवत्ता सूचकांक) द्वारा वायु प्रदूषण के स्तर को परिभाषित किया जाता है। अगर सूचकांक स्तर 0-50 के बीच है, तो इसे अच्छा माना जाता है। दूसरी ओर, 201-300 को बहुत अस्वस्थ एवं 301-500 को खतरनाक माना जाता है। वहीं, 151-200 के स्तर को भी अस्वस्थ मानी जाती है। मंगलवार की रात लगभग 8 बजे तक वायु प्रदूषण सूचकांक के अनुसार, महानगर के विक्टोरिया इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर 288, रवींद्रभारती विश्‍वविद्यालय के पास स्तर 260, फोर्ट विलियम के पास स्तर 305, बालीगंज में 276, रवींद्र सरोबर में 208 था। दूसरी ओर, हावड़ा में भी सामान्य असर देखने को मिला। हावड़ा के घुसुड़ी में वायु प्रदूषण का स्तर 350, बेलुड़ में 262 के आसापास रहा।

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