कुलगाम हत्याकांड: पांच मजदूरों के शव गृहनगर लाये गए

बहल नगर (पश्चिम बंगाल): कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए पश्चिम बंगाल के पांच मजदूरों के शव बृहस्पतिवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले के उनके गृह नगर लाये गए। शवों के साथ परिवार के सदस्य, राज्य के मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता भी थे।दूर-दराज़ के इलाकों से सैकड़ों लोग अपनी संवेदनाएं जताने और मृतकों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बहल नगर गांव पहुंचे। शवों को बृहस्पतिवार शाम को दफन किया जाएगा।
कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने मंगलवार को पांच श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुर्शिदाबाद से ही ताल्लुक रखने वाला एक अन्य मजदूर हमले में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था और उसका श्रीनगर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, सातवां व्यक्ति खाना लेने के लिए बाहर गया हुआ था। इसलिए वह बच गया, लेकिन वह ‘सदमे’ में है।
उसे बुधवार को कोलकाता लाया गया और एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मृतकों की पहचान नोइमुद्दीन शेख, मुरसलीम शेख, रफीक शेख, कमरुद्दीन शेख और रोफिक उल शेख के तौर पर हुई है।
राज्य के शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम ने कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए हालिया हमलों के मद्देनजर अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के औचित्य के बारे में जानना चाहा। वह बुधवार रात को मजदूरों के शवों को लेने के लिए कोलकाता हवाई अड्डे पहुंचे थे।
उन्होंने घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया।
हाकिम ने पत्रकारों से कहा, ‘‘देश के नागरिकों को मारा जा रहा है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुप हैं। जब इतने लोगों को मारा जा रहा है तो घाटी से अनुच्छेद 370 को हटाने का क्या औचित्य? इसका मतलब है कि घाटी में आतंकी गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं।’’
कोलकाता के मेयर उनके परिवार के सदस्यों के साथ हवाई अड्डे से मुर्शिदाबाद तक गए और वे पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा और राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी के साथ मृतकों के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
हाकिम ने परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘56 इंच का सीना’ भाषण की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार नागरिकों की रक्षा नहीं कर सकती है तो 56 इंच या 72 इंच के सीने का क्या मतलब है।’’
इससे पहले दिन में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की व्यापक जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि घाटी में कानून एवं व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘कश्मीर में, कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं हो रही है और वहां पर फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। सारा प्रशासन केंद्र सरकार के हाथ में है और सेना तथा अन्य केंद्रीय बल हैं… वे इसे देख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस दिन यूरोपीय संघ के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल राज्य का दौरा कर रहा था। इस सबके बावजूद, वे कैसे इन गरीब बेगुनाह लोगों का अपहरण कर सके.. मैं सच में हैरान हूं।’’
बनर्जी ने बुधवार को पांच मजदूरों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था।

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