आलोक प्रसाद
सागरद्वीप, समाज्ञा : सरे तीर्थ बार बार गंगासागर एक बार, यह कहावत बेहद प्रसिद्ध है. ऐसा इस लिए क्यूंकि गंगासागर की यात्रा अन्य तीर्थ यात्राओं की तुलना में कठिन है. इस कठिन यात्रा के कारन ही कई श्रद्धालु गंगासागर आने से कतराते थे. हालाँकि ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद गंगासागर की यात्रा को आसान बनाने के लिए राज्य सर्कार व दक्षिण २४ परगना जिलाप्रशाशन ने कड़ी मेहनत की और आज का दिन ऐसा है जब इस कहावत का और कोई अर्थ नहीं रह गया है. राज्य सर्कार व जिला प्रशाशन ने तीर्थयात्रिओं की असुविधा को ध्यान में रखते हुए कई काम किये जिससे इस यात्रा को पूरी करने में आसानी हो. राज्य सर्कार व जिला प्रशाशन के प्रयास से गंगासागर में तीर्थयात्रिओं की भीड़ क्रमशः बढ़ती चली गयी. मगर इसी बीच कुछ ऐसा हुआ जिससे दुबारा गंगासागर की रौनक में कमी आने लगी. यह था कोरोना, कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सर्कार व राज्य सर्कार के सतर्कता बरतते हुए कई तरह की पाबंदियों का निर्णय लिया. इन पाबंदियों व खुद की सुरक्षा के लिए कई श्रद्धालुओं ने गंगासागर न आना ही बेहतर समझा. हालाँकि कोरोना के ठीक बाद, वर्ष २०२० व २०२१ में गंगासागर तीर्थयत्रीओं की संतोषजनक भीड़ देखि गयी. मगर इस वर्ष संभवतः संतोषजनक भीड़ भी नजर नहीं आएगी. इसका कारन कोरोना व ओमीक्रोने के बढ़ते मामलों को मन जा रहा है. कल यानि १४ जनवरी को मकरसंक्रांति है, इस दिन गंगासागर में पुण्य की डुबकी लगाने का अपना महत्वा है. मकरसंक्रांति के लगभग १० दिन पहले से ही गंगासागर में तीर्थयात्रिओं की भीड़ दिखने लगती थी. मागत इस वर्ष २ दिन पहले भी गंगासागर मेला प्रांगण से लोगों की भीड़ नदारद है. यहाँ तीर्थयात्रिओं की कमी बेहद खल रही है. आज से पहले इस पुण्य मौके पर गंगासागर में इस तरह का सूनापन कभी नहीं देखा गया था.
बुधवार यानि 12 जनवरी तक गंगासागर मेला खाली ही रहा। सड़कों पर गंगासागर पुण्यार्थिओं को मेला तक पहुंचाने वाले वाहनों की संख्या कम नजर आई। जहां लॉट 8 में ट्रैफिक को सुचारु रखने में पुलिस प्रशाशन के पसीने छूट जाते थे वहीं इस वर्ष पुलिस अपने काम को करने के लिए तरसती नजर आई. जेट्टी पर लोगों की भीड़ नहीं थी, गिने चुने लोग ही थे। इसलिए उन्हें लांच के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। वहीं कई लांच सुनसान जेट्टी पर खड़े नजर आए।
लॉट 8 से गंगा नदी पार करते ही गंगासागर मेला तक जाने के लिए लोगों को कतार में खड़ा होना पड़ता था, मगर इस वर्ष बसें व छोटे वहां यात्रिओं के इंतजार में कतार में खड़े दिखे। एक बस के कंडक्टर ने बताया कि मकर संक्रांति पर गंगासागर में आने वाले लोगों की संख्या लगभग न के बराबर है। उसने बताये कि इस वर्ष उनका एक ट्रिप 2 से 3 दिनों के अंतराल पर आता है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष होने वाली उनकी अच्छी कमाई ठप हो गयी है।
वहीं एक छोटे वहां के चालक ने बताया कि पिछले वर्ष प्रत्येक दिन उसे कमसे कम १ ट्रिप मिल जाता था मगर इस वर्ष पिछले २ दिन से उसे एक भी ट्रिप नहीं मिला है.
बता दें की इस वर्ष गंगासागर मेला को स्थगित करने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में ५ याचिका दायर की गयी थी, मगर इसके बावजूद अदालत ने मेला को सशर्त मंजूरी दी. हाई कोर्ट ने राज्य सर्कार व जिलाप्रशाशन को यह निर्देश भी दिया है की गंगासागर जाने वाले सभी लोगों का डबल डोज कोरोना वैक्सीन या ७२ घंटे का आर टी पी सी आर टेस्ट अनिवार्य है.
गंगासागर… कोरोना का दिखा असर, मेला प्रांगण में खल रही तीर्थयात्रिओं की कमी
