कोलकाता, समाज्ञा : पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा च्ाुनाव की तैयारियों के तहत भाजपा एक-एक कर च्ाुनावी मुद्दा तैयार कर रही है। इसमें बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने के उद्देश्य से मुद्दा शामिल है। इसी विषय पर शनिवार को कोलोम्बिया पेट्रो केम लिमिटेड की ओर से ताज बंगाल में ‘हाऊ टू रिज्ाूवनेट वेस्ट बंगाल अगेन’ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यकम में मुख्य रूप से उपस्थित केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व प्रदेश भाजपा प्रभारी व भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बंगाल की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। कार्यक्रम में सागर धनानिया, शंकुदेव पांडा व अन्य भी मौज्ाूद थे।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज और लगभग 30-50 वर्ष पहले के बंगाल में जमीन आसमान का फर्क है। उन्होंने कहा कि पहले बंगाल अपनी सभ्यता, शालीनता, उद्योग, अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाता था, मगर आज के दिन यह राजनीतिक हिंसा, कट मनी, सिंडिकेट जैसे शब्दों से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि जब भारत आगे बढ़ रहा है, तब बंगाल पीछे चला जा रहा है। 34 वर्ष के वाम कांग्रेस के शासन के पतन के बाद लोगों को लगा कि ममता बनर्जी बंगाल में बदलाव लाएंगी, मगर अब उन्हीं के ग्ाुंडे तृणमूल के नेता बन गये और यहां की हालत बद से बदतर हो गयी। पहले दुनिया के किसी कोने में अन्याय होने पर बंगाल अपनी आवाज ब्ाुलंद करता था, लेकिन आज बंगाल के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है तब भी आवाज नहीं उठाया जा रहा। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में भाजपा ने ख्ाुद के विकल्प के तौर पर रिज्ाूवनेशन का रास्ता खोल दिया है, मगर यहां की जनता उसे समझ नहीं पा रही है। वहीं, उन्होंने बंगाल की जनता से आग्रह किया कि वे ख्ाुद आगे आएं और बंगाल में बदलाव का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि देश बदलेगा, बंगाल भी बदलेगा, ऐसे में यह बंगाल के लोगों को तय करना है कि वे ख्ाुद को इस बदलाव में कहां रखना चाहते हैं।
वहीं, दूसरी ओर, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तरक्की की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। यहां के कलाकार विश्व विख्यात हैं, यहां कल-कारखाने हैं, यहां खेती के लिए बहुत अच्छी मिट्टी है। यहां चाय बागान है, ज्ाूट मिल हैं मगर फिर भी बंगाल उन्नति से वंचित है। उन्होंने कहा कि बंगाल अपनी प्रतिष्ठा खो च्ाुका है और इसे दुबारा वापस दिलाना है। उन्होंने कहा कि केंद्र की किसान निधि योजना के तहत करोड़ों किसानों के खाते में रुपये पहुंच गये, मगर दुर्भाग्यवश बंगाल के किसान इससे वंचित रह गये। इसके लिए उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और उनपर कट मनी के लालच में किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप भी लगाया। वहीं, दूसरी ओर बंगाल की कानून व्यवस्था पर भी उन्होंने ममता सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब उन्हें यूपी व बिहार में च्ाुनाव प्रचार का कार्य दिया गया तब उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता हो गयी और उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी थी। मगर वहां पहुंचने के बाद उन्हें लगा कि ख्ाुद की सुरक्षा बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। वहीं दूसरी ओर बंगाल में आने के दौरान उन्हें लगा कि यहां उन्हें किसी भी प्रकार की सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ेगी मगर अब उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने ही उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी है। उन्होंने ममता सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में जाने पर आपको सब कुछ मिल सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन इलाकों में बड़ी ही आसाानी से अवैध हथियार व फर्जी नोट भी मिल जाते हैं। बंगाल में विकास के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी उन्होंने त?ज कसते हुए कहा कि यहां किसी को 25 हजार रुपये दिये जाएं तो वह किसी की भी हत्या कर देगा। उन्होंने कहा कि बंगाल के युवा नौकरी के लिए अन्य राज्यों में जाकर रहने पर मजबूर हैं क्योंकि ममता सरकार उन्हें रोजगार देने में असमर्थ है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में अबतक एक हजार के आस-पास छोटे-मोटे उद्योग बंद हो गये हैं और इसका कारण राज्य सरकार की विफलता है। उन्होंने कहा कि देश के साथ-साथ बंगाल भी बढ़ सकता है, बंगाल बदल सकता हैे मगर असके लिए ऐसी सरकार चाहिए जो ऐसा करने की इच्छुक हो। उन्होंने कहा कि बंगाल का विकास मोदी के हाथों संभव है और ऐसा तभी होगा जब लोग भाजपा का साथ देंगे।
वाम फ्रांट के गुंडे आज तृणमूल के नेता : गजेंद्र सिंह शेखावत
