हावड़ा : राज्यभर बेरोजगारी स्थिति, 10 लाख युवाओं के नौकरी की मांग व राज्य में उन्नति पर ब्रेक लगने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर माकपा के छात्र संगठन एसएफआई सभा द्वारा गुरुवार को नवान्न अभियान का आयोजन किया गया था। विशाल रैली के जरिये सिंगूर से शुरू हुआ यह अभियान शुक्रवार को हावड़ा पहुंचा। जानकारी के अनुसार विभिन्न मांगों को लेकर माकपा समर्थित युवा संगठन डीवाईएफआई, छात्र संगठन एसएफआई समेत वामपंथ समर्थित 12 संगठनों की ओर से राज्य सचिवालय नवान्न अभियान का आयोजन किया गया था। गुरुवार को सिंगुर से शुरू हुआ यह अभियान शुक्रवार को हावड़ा पहुंचा। इन लोगों की कोशिश राज्य सचिवालय की ओर रैली करते हुए जाने की थी जबकि इस इलाके में पहले से ही धारा 144 लागू है। हालांकि अभियान में शामिल समर्थक उस वक्त हिंसक हो उठे जब नवान्न की ओर बढ़ रहे लोगों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। इधर पुलिस की ओर से अभियान को विफल करने व बीच में ही रोकने के लिए हावड़ा मैदान के निकट बेरिकेडिंग की गई थी और भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात थे। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसे लेकर हावड़ा मैदान में दो घंटे तक पुलिस व माकपा समर्थकों के बीच रणक्षेत्र की स्थिति व्याप्त रही। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
बैरिकेड तोड़कर पुलिस से उलझे माकपा समर्थक
दोपहर के करीब 2 बजे पदयात्रा हावड़ा मैदान पहुंची और यहां से नवान्न के लिए रवाना हुए। इसी बीच हावड़ा सिटी पुलिस, रैफ व कॉम्बेट फोर्स की भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में पुलिस व माकपा समर्थक आपस में उलझ गये। देखते ही देखते रामेश्वर मालिया लेन से मल्लिक फाटक तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। घटना को केन्द्र कर बमबाजी भी की गयी। समर्थकों का आरोप था कि राज्य में पुलिस सरकार के हाथों की कठपुतली बन चुकी है, वे अपनी मांग को लेकर नवान्न जाकर रहेंगे। वहीं पुलिस द्वारा उन्हें रोकने पर दोनों तरफ से मारपीट शुरू हो गयी।
पुलिस ने शुरू की लाठीचार्ज, फेके गये ईंट व पत्थर
समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बातें सुने बिना ही उन पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों तरफ से ईट व पत्थर फेंके गये। तकरीबन एक से डेढ़ घंटे तक दोनों पक्ष के तरफ से एक दूसरे को लक्ष्य कर पथराव की स्थिति जारी रही। समर्थकों का आरोप है कि पुलिस की यह पहले से साजिश थी। इसके कारण उनकी बातें सुने बिना उनपर हमले किये गये।
पुलिस का बरपा कहर, वॉटर कैनन व टियर गैस से प्रहार
माकपा के नवान्न अभियान के दौरान पूरे इलाके में तनाव व्याप्त रहा। पुलिस ने समर्थकों को खदेड़ने के लिए टियर गैस छोड़े। इसके अलावा समर्थकों पर लाठीचार्ज करने के अलावा उन्हें वहां से हटाने के लिए उनपर जलकमान का भी प्रयोग किया गया। शाम 4 बजे के करीब स्थिति सामान्य हो पायी। पुलिस और अभियान समर्थकों के बीच इस झड़प में दोनों ओर के कई लोग जख्मी हुए हैं। पूरा इलाका घंटों हिंसक माहौल की चपेट में रहा। मामले में पुलिस ने एकाधिक लोगों को हिरासत में लिया है।
माकपा करेगी काला दिवस का पालन
पुलिस की लाठीचार्ज में माकपा के कुल 62 समर्थक घायल हो गये। सभी को हावड़ा जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं शांतिपूर्वक रैली कर रहें समर्थकों पर पुलिस द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज करने और टियर गैस छोड़ने के विरोध में माकपा शनिवार को पूरे राज्य में काला दिवस का पालन करेगी।
क्या कहती है पुलिस
इस मामले में पुलिस ने बताया कि पुलिस ने काफी संयम बरत कर अभियान को शांतिपूर्वक तरीके से बैरिकेटिंग कर रोकने की कोशिश की। बैरिकेट को तोड़ते समय माकपा समर्थकों की तरफ से पुलिस कर्मियों को लक्ष्य कर ईटा पत्थर के साथ हमला किया गया। खुद के बचाव व इलाके में शांति कायम रखने के लिए पुलिस ने समर्थकों को खदेड़ा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार से राज्य में रोजगार, कृषि कल कारखाने की स्थापना समेत विभिन्न मूलभूत चीजों की मांग को लेकर सिंगूर से नवान्न अभियान के रूप में पदयात्रा शुरू की गई थी। गुरुवार को पदयात्रा सिंगूर से डानकुनी तक पहुंची। डानकुनी में रात में पड़ाव लेने के बाद शुक्रवार की सुबह नवान्न के लिए रवाना हुयी। राज्य के विभिन्न प्रांतों से बामपंथी संगठनों ने लाखों बेरोजगारों पदयात्रा में शामिल हुये।