डीबीबीएल और एसबीबीएल की अवैध तस्करी पर बंगाल एसटीएफ के खुलासे के बाद प्रशासन आया हरकत में
लालगढ़ थाने के मालखाना का दायित्व संभालने वाला पूर्व एसआई सहित 4 गिरफ्तार
थाने के सेफ कस्टडी से 18 लाइसेंसी गन को रुपये के लिए बेचने का आरोप
बबीता माली
कोलकाता : गत जनवरी को बंगाल एसटीएफ के नेतृत्व में चलायी गयी छापामारी अभियान के तहत यह खुलासा हुआ था कि लाइसेंसी डबल बैरल गन (डीबीबीएल) और सिंगल बैरल गन (एसबीबीएल) अवैध तरीके से तस्करों तक पहुंच रहे हैं और साथ ही दो तस्करों चंडी कर्मकार तथा माथुर पासवान को गिरफ्तार किया गया था। चंडी के कब्जे से बरामद बंदूक की जानकारी लेने पर पता चला कि उक्त डीबीबीएल गन लालगढ़ थाने के सेफ कस्टडी से लिया गया था। समलन यह साफ हो गया था कि थानों के मालखाना से तस्करों तक लाइसेंसी बंदूकें पहुंच रही है। इसके बाद बंगाल एसटीएफ ने लालगढ़ थाने के अधिकारियों को घटना की जानकारी दी और मामले की तह तक पहुंचने का निर्देश भी दिया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद लालगढ़ थाने के अधिकारियों ने जब जांच-पड़ताल की तब पता चला कि लालगढ़ थाने में मालखाने का दायित्व संभालने वाले पूर्व एसआई तारापद टुडू, नेशनल वॉलिंटयर फोर्स लक्ष्मीराम राणा तथा दो झाड़ग्राम निवासी दिलीप सेनापति तथा सुधांशु सेनापति की संलिप्तता मिली और इन चारों के खिलाफ स्वत: स्फूर्त मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि तारापद ने प्राथमिक पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने लाइसेंस गन को उसके मालिक के बदले किसी दूसरे को बेचा है।
एफआईआर में तारापद और लक्ष्मीराम के खिलाफ है गंभीर आरोप
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लालगढ़ थाने के आईसी अरिंदम भट्टाचार्य ने एफआईआर दर्ज किया। शिकायत के अनुसार तारापद और लक्ष्मीराम ने बिना थाने के अधिकारियों को सूचित किये 18 लाइसेंसी गन को दूसरे को बेचा है। उन दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है।
वर्ष 2018 से तारापद लालगढ़ थाने में मालखाना के दायित्व में
जानकारी के अनुसार एसआई तारापद टुडू वर्तमान में जाम्बनी थाने में तैनात है। इससे पहले वह लालगढ़ थाने में तैनात था। वर्ष 2018 के 7 अगस्त से उसे लालगढ़ थाने में मालखाना की देखभाल का दायित्व सौंपा गया था। बाद में वर्ष 2019 के 27 जून को तारापद के साथ ही नेशनल वॉलिंटियर फोर्स लक्ष्मीराम राणा को मालखाना की देखरेख का दायित्व सौंपा गया था। 31 दिसंबर 2019 को तारापद का ट्रांसफर जाम्बनी थाने में कर दिया गया था। 6 जनवरी 2020 को तारापद ने जाम्बनी थाने में जाकर अपना कार्यभार संभाला। इधर, 16 जनवरी को मालखाना का दायित्व नये एसआई को सौंपा गया लेकिन नये एसआई के ज्वाइन करने के साथ ही जब मालखाने की रजिस्टर और अन्य दस्तावेज की जांच गयी तब तारापद टुडू और लक्ष्मीराम की पोल खुली।
मालखाने की दस्तावेज में कई गड़बड़ी आयी सामने
सूत्रों ने बताया कि मालखाना की जांच करने पर पता चला कि थाने के सेफ कस्टडी में जमा किये गये 18 गन उसके मालिक को नहीं देकर दूसरे को बेच दिया गया है। वहां गन को किसी को सौंपने से संबंधित कोई भी जनरल डायरी नहीं की गयी थी। किसी गन मालिक का गन वापस लेने का कोई आवेदन नहीं पाया गया। एक भी ‘सी’ फार्म नहीं मिला है जो गन मालिक से यह कहकर लिया जाता है कि ‘गन को ओरिजनल कंडीशन में लिया गया है’। इसके अलावा सेफ कस्टडी गन रजिस्टर में किसी भी लाइसेंस गन के मालिक का हस्ताक्षर नहीं मिला है। हालांकि तारापद से पहले जो एसआई एस. चटर्जी मालखाने के दायित्व में थे तो?उस दौरान कोई भी गड़बड़ी नहीं देखी गयी थी।