कोलकाता में बनेगा लिवर डिजीज सेंटर

कोलकाता, समाज्ञा : कोलकाता स्थित मुख्यालय वाले मेडिका हॉस्पिटल्स ने, टॉम चेरियन द्वारा स्थापित, अति प्रतिष्ठित, साउथ एशियन लिवर इन्स्टीट्यूट के सहयोग से मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज की शुरुआत की है। संस्थापक प्रो. टॉम चेरियन, भारत के सबसे बड़े अस्तपात समूहों में से एक में, एचबीपी सर्जरी एवं लिवर ट्रांसप्लांट के राष्ट्रीय निदेशक थे। वह फिलहाल, हैदराबाद स्थित प्रतिष्ठित निजाम इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स) में ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने ही वहां, लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम शुरू किया। भारत लौटने से पहले, इंग्लैंड में उन्होंने 400 से ज्यादा लिवर प्रत्यारोपण किया था। भारत में भी वह 250 लिवर प्रत्यारोपण कर चुके हैं। महत्वपूर्ण यह है कि प्रो. टॉम चेरियन और उनकी टीम ने पिछले पांच वर्षों में जितने भी लिवर प्रत्यारोपण किये हैं, उनमें से 90% से ज्यादा को जीवनदान मिला है। ये नतीजे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लिवर संस्थानों से किसी भी मामले में कमतर नहीं हैं। इसके अलावा उन्होंने, 50 लिवर कैंसर सर्जरी भी की है, जिनमें मृत्युदर लगभग नगण्य थी। उल्लेखनीय है कि उन्होंने देश की चंद सबसे जटिल लिवर कैंसर सर्जरी करने की मिसाल भी पेश की है।

मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज का उद्देश्य, पूर्वी भारत में प्रत्यारोपण सहित लिवर की तमाम बीमारियों की इलाज संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। इस सेंटर में लिवर, पैनक्रियाज और पित्त की थैली संबंधी बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। मेडिका के लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम में जीवित एवं कडैवर (मृत) दोनों, दाता (डोनर) शामिल होंगे। मेडिका, पूर्वी भारत के उन चंद अस्पतालों में से एक है, जहां प्रत्यारोपण सर्जरी सहित, लिवर संबंधी जटिल बीमारियों के इलाज की सुविधा है।मेडिका सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के निदेशक डॉ. प्रदीप्ता कुमार सेठी के नेतृत्व में लिवर संबंधी बीमारियों का इलाज करने वाली मौजूदा टीम इस सेंटर को लेकर बहुत उत्साहित है। डॉ. सेठी कहते हैं, लिवर डिजीज सेंटर की शुरुआत, निश्‍चित तौर पर एक सामयिक निर्णय है। इसमें संदेह नहीं कि अब हम लिवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना सकेंगे।मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज के बारे में बात करते हुए साउथ एशियन लिवर इन्स्टीट्यूट के संस्थापक प्रो. (डॉ.) टॉम चेरियन ने कहा, हम चाहते हैं कि लिवर संबंधी बीमारियों का विश्‍वस्तरीय इलाज हो। और विश्‍वस्तरीय क्या है? इसका सीधा-सा मतलब है कि लिवर की बीमारी का इलाज चाहे लंदन में हो या कोलकाता में, दोनों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। मेडिका अस्पताल समूह के चेयरमैन डॉ. आलोक रॉय ने कहा, लिवर डिजीज सेंटर बहुत बड़ा कदम है और मेरा मानना है कि यह न केवल कोलकाता और बंगाल, बल्कि समूचे पूर्वी भारत के लिए भी मील का पत्थर है।

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