ममता ने व्हीलचेयर पर बैठकर रोडशो किया, कहा- घायल बाघ कहीं अधिक खतरनाक

कोलकाता : नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने के करीब चार दिन बाद रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सड़क पर उतर कर संघर्ष करने की अपनी छवि के अनुरूप व्हीलचेयर पर बैठकर तृणमूल कांग्रेस के एक रोड शो का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों को आगाह करते हुए ऐलान किया कि एक घायल बाघ कहीं अधिक खतरनाक होता है।
ममता के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता भी थे। ममता हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं, जबकि सुरक्षाकर्मी उनकी व्हीलचेयर को पकड़ कर आगे बढ़ा रहे थे।
ममता ‘नंदीग्राम’ दिवस के मौके पर मेयो रोड से हाजरा मोड़ तक पांच किलोमीटर लंबे रोड शो में शामिल हुईं।
टीएमसी 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है। पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 14 ग्रामीणों की याद में यह दिवस मनाती है।
ममता, नंदीग्राम सीट पर पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, जिसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। उनका मुकाबला उनके पूर्व विश्वासपात्र शुभेंदु अधिकारी के साथ है, जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।
घंटे भर के रोडशो के बाद सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकने के प्रयास विफल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर के सहारे राज्य भर में टीएमसी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में बहुत सारे हमलों का सामना किया है, लेकिन मैंने कभी किसी के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है। मैं अपना सिर कभी नहीं झुकाऊंगी। एक घायल बाघ कहीं अधिक खतरनाक हो जाता है।’’
ममता 10 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रचार करने के दौरान नंदीग्राम में चोटिल हो गई थीं। उनके बायें पैर, सिर और छाती में चोट लगी थी।
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया था कि यह ‘‘उनकी जान लेने का भाजपा का षड्यंत्र था।’’ हालांकि, चुनाव आयोग ने इससे इनकार किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता पर कोई हमला हुआ था। चुनाव आयोग ने यह बात आयोग के दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों और राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद कही। आयोग ने कहा कि बनर्जी को चोट उनके सुरक्षा प्रभारी की चूक के कारण लगी।
चुनाव आयोग ने रविवार को आदेश दिया कि निदेशक (सुरक्षा) विवेक सहाय को उनके पद से हटा दिया जाए और फौरन निलंबित किया जाए। वह आईपीएस अधिकारी हैं।
पूरब मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश को भी निलंबित किया गया है, जबकि जिलाधिकारी विभू गोयल का तबादला कर दिया गया है।
ममता ने कहा, ‘‘डॉक्टरों ने मुझे आज चुनाव प्रचार करने के लिए बाहर नहीं जाने की सलाह दी थी। लेकिन मुझे लगा कि मुझे आज की रैली में शामिल होना चाहिए, क्योंकि मेरी चोट के कारण हम पहले ही कुछ दिन गंवा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दर्द लोगों की पीड़ा से अधिक नहीं है, क्योंकि तानाशाही के पैरों तले लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। यदि मैं घर में इतने लंबे समय तक बैठ गई तो इससे षडयंत्रकारियों का एजेंडा पूरा हो जाएगा। वे अपने मकसद में सफल हो जाएंगे। ’’
ममता ने कहा कि कोलकाता रैली के समापन स्थल के रूप में उन्होंने हाजरा को इसलिए चुना कि उनके राजनीतिक करियर के दौरान इस स्थान पर उन पर कई बार हमले हुए थे।
ममता ने कहा कि वह रविवार शाम में दुर्गापुर के लिए रवाना होंगी और सोमवार को दो रैलियों को संबोधित करेंगी।
टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने ममता को ‘बंगाल की बेटी’ बताने वाले पोस्टर और तख्तियां पकड़ी हुई थीं। तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और विधानसभा चुनाव में ‘बाहरी लोगों को हराने’ की अपील की।
तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बनर्जी के पैर की चोट की ओर से इशारा करते हुए नारा लगाया, ‘‘भंगा पाये खेला होबे (टूटे हुए पैर के साथ खेलेंगे)।’’
ममता ने रोडशो के लिए पहुंचने से पहले ट्वीट किया, ‘‘हम बिना डरे लड़ाई जारी रखेंगे। मुझे अब भी बहुत दर्द है, लेकिन मुझे मेरे लोगों का दर्द इससे कहीं ज्यादा महसूस होता है। अपनी पवित्र भूमि की सुरक्षा करने की लड़ाई में, हमने बहुत कुछ सहन किया है तथा और सहन करेंगे लेकिन हम कायरता के आगे कभी नहीं झुकेंगे।’’
रैली में तृणमूल कांग्रेस सांसद एवं ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी ”बाहरी” लोगों के आगे घुटने नहीं टेकेगी।
उन्होंने जोर दिया कि उनकी बुआ एवं मुख्यमंत्री चुनावी लड़ाई जीतेंगी, उनके आगे कितनी भी चुनौतियां खड़ी की क्यों की जाए, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने यह नारा लगाया कि ‘प्रधानमंत्री मोदी आएंगे और जाएंगे, लेकिन बंगाल चाहता है कि उसकी बेटी राज्य में शासन करे।’
उन्होंने कहा, ‘‘अपने पैर में लगी गंभीर चोट के बावजूद वह रैली में शामिल हुईं।’’

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