कोलकाता : भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खानपान और राष्ट्रीयता के बीच अजीबो-गरीब संबंध बताने और इसके लिए सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के कुछ दिन बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को इस बात पर हैरानी जताई कि भगवा पार्टी के नेताओं को खानपान की आदतों या पहनावे पर टिप्पणी करने का अधिकार किसने दिया है? पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा की रणनीति तैयार करने वाले विजयवर्गीय ने इंदौर में एक सम्मेलन में कहा कि उन्हें संदेह है कि उनके घर पर श्रमिकों के बीच बांग्लादेशी भी थे क्योंकि वे पोहा खा रहे थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि मजदूरों के खाने-पीने की “अजीब’’ आदतों ने उनकी राष्ट्रीयता के बारे में संदेह पैदा किया। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (छात्र शाखा) की कार्यशाला को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, “किसने उन्हें (भाजपा) ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार दिया है? क्या आप किसी को पोहा खाते देख उसकी राष्ट्रीयता निर्धारित कर सकते हैं? क्या आप किसी की राष्ट्रीयता उसके पहनावे के आधार पर बता सकते हैं?” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल झारखंड में चुनाव रैली के दौरान कहा था कि जो लोग नागरिकता कानून को लेकर आगजनी कर रहे हैं, “उन्हें उनके कपड़ों से पहचाना जा सकता है।” टीएमसी सुप्रीमो ने दोहराया कि वह बंगाल में एनपीआर प्रक्रिया तब तक नहीं होने देंगी जब तक कि प्रपत्र में जरूरी सुधार नहीं कर लिए जाते। उन्होंने पूछा, “ऐसा क्यों है कि लोगों से एनपीआर के लिए परिजन का पता और जन्म प्रमाण-पत्र देने को कहा जा रहा है?”भाजपा पर “दोहरा चरित्र’’ अपनाने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, “कुछ लोग केवल एक रंग का अस्तित्व चाहते हैं..लेकिन हमारा देश सभी रंगों से बना खूबसूरत चित्र है।”
ममता बनर्जी ने ‘पोहा’ टिप्पणी के लिए विजयवर्गीय पर बोला हमला
