कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ऋण पुनर्संरचना पैकेज पर वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ विशेषज्ञों ने इसे पर्यटन उद्योग के लिये मददगार बताया है, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये अवरोध का काम करेगा।
टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अनिर्बान चक्रवर्ती ने कहा कि होटल और आतिथ्य सत्कार क्षेत्र आरबीआई के ऋण पुनर्गठन ढांचे में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) श्रेणी के दायरे में है।
उन्होंने एनक्यूब कोलाबोरेशन के द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक वेबिनार में कहा कि आपातकालीन ऋण सुविधा इस क्षेत्र को अगले दो साल तक टिकाये रखने में महत्वपूर्ण मदद करने वाली है।श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के वाइस चेयरमैन सुनील कनोरिया ने कहा कि आरबीआई का पुनर्गठन पैकेज कुछ हद तक पाबंदियों के साथ है और यह व्यावहारिक समाधान नहीं है।यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 ने सरकार, नियामक, बैंककर्मियों और कर्जदारों के व्यवहार में बदलाव किया है।
रिजर्व बैंक के पुनर्संरचना पैकेज पर वित्तीय विशेषज्ञों की मिश्रित प्रतिक्रिया
