कोलकाता : बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में सोमवार को कोलकाता में एक विशाल रैली की। कोलकाता के श्यामबाजार में जनता को संबोधित करते हुए नड्डा ने यह स्पष्ट किया कि सीएए के जरिए मोदी सरकार ने वही किया जो एक समय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी।
नड्डा ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने 26 सितंबर 1947 को कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख अगर वहां रहना नहीं चाहते तो वे हर नजरिए से भारत आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनको नौकरी देना, उनके जीवन को सामान्य बनाना यह भारत सरकार का कर्तव्य है। मोदी सरकार ने यही किया है।’ इसके बाद नड्डा ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के 25 जनवरी 1948 के बयान का जिक्र किया जिसमें नेहरू ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि केंद्रीय राहत कोष का इस्तेमाल करना सही होगा जिसका उपयोग किसी भी प्रकार के आपातकालीन राहत में किया जा सकता है। लेकिन अब इसका उपयोग विशेष रूप से अब पाकिस्तान के शरणाथियों के पुनर्वास के लिए किया जा रहा है जो भारत में आए हैं।’
नड्डा के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता भी थे। सीएए को लेकर जागरूकता फैलाने वाला यह मार्च मध्य कोलकाता के हिंद सिनेमा से शुरू हुआ और श्यामबाजार में समाप्त हुआ।

‘मनमोहन ने भी नागरिकता की वकालत की’
नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह का हवाला देते हुए कहा, ‘18 दिसंबर 2003 को मनमोहन सिंह ने अडवाणी से कहा था कि विभाजन के बाद बांग्लादेश जैसे देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि अगर हालात मजबूर करें और ये लोग हमारे देश में शरण लें तो हमें इन्हें नागरिकता देनी चाहिए।’ बांग्लादेश के शरणार्थियों के बारे में सीपीएम नेता प्रकाश करात के बयान का उल्लेख भी किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश से जो शरणार्थी आ रहे हैं उनकी चिंता करनी चाहिए।’
‘सीएए से शरणार्थी मुख्यधारा में होंगे शामिल’

इसके बाद नड्डा ने पाकिस्तान से आए उन शरणार्थियों का जिक्र किया जिनके पास डॉक्टर और इंजिनियर की डिग्री तो है लेकिन वे यहां प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे। नड्डा ने कहा कि सीएए के कारण इन्हें भारतीय नागरिकता मिलेगी और ये राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।