- एटीके के साथ जुड़ा मोहनबागान
- हिस्सेदारी में आरपीएसजी के पास 80 प्रतिशत और मोहनबागान के पास 20 प्रतिशत शेयर
- कोलकाता, समाज्ञा : जैसी की उम्मीद थी। मोहनबागान अंत में एटीके के साथ जुड़ गया। अगले आईएसएल सत्र में मोहनबागान एटीके साथ मिलकर खेलेगा। दोनों पक्षों के बीच पहले से ही करार पर हस्ताक्षर हो चुका है। यह भी स्पष्ट था कि बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स में किस क्लब के कितने सदस्य होंगे। नए क्लब की जर्सी क्या होगी, यह भी पहले से ही निर्धारित हो चुका था। इंतजार सिर्फ आधिकारिक रूप से घोषणा होने की थी जो गुरुवार को आईएसएल में उतरने के लिए सील कर दिया गया। आरपी-संजीव गोयनका समुह (आरपीएसजी) का स्वामित्व वाला एटीके शुरू से ही आईएसएल खेल रहा है। एटीके दो बार आईएसएल की ट्रॉफी भी जीत चुकी है। लेकिन अगले सीजन से मोहन बागान के साथ जुड़कर एटीके मैदान पर उतरेगी। समझौते के अनुसार, आरपीएसजी के हाथों में 80% शेयर होंगे और मोहनबागान फुटबॉल क्लब प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत की है। मोहनबागन इस वर्ष के जून महीने में नए नाम से अपनी शुरुआत करेगी। इस संबंध पर मोहनबागान के अध्यक्ष स्वपन साधन बसू ने कहा, ‘हम मरून और हरी जर्सी का मिश्रण चाहते हैं। 130 साल की परंपरा को जारी रखने के लिए साथी की आवश्यकता थी। फुटबॉल के नए युग में प्रवेश करने के लिए अधिक निवेश और कॉर्पोरेट बल की आवश्यकता थी। इस कारण एटीके के साथ जुड़ने का करार किया गया है।’ इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘मैं भारत के एक उद्योगपति और कोलकाता के हमारे अपने संजीव गोयनका का आभारी हूं। भारतीय फुटबॉल पर उनके विचार हमारे दर्शन एक जैसे हैं और हमारे संयुक्त प्रयास निश्चित रूप से क्लब को उच्च स्तर पर ले जाएंगे।’