बंगाल में हमारे 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मारा गया उस समय लोकतंत्र के चैंपियन चुप थे- नड्डा

कोलकाता/ नयी दिल्ली : नड्डा ने कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल पर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में आंकड़े देने से इनकार कर दिया।उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं के बारे में प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की थी कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो 50-50 लाख रुपये देंगे। यह भी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू किया ममताजी ने। ये है इनकी जन विरोधी नीति, ये है इनकी मानव विरोधी नीति, ये है इनकी मानवता विरोधी नीति।

पश्चिम बंगाल सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पांच अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया।उन्होंने कहा कि ऐसा करके उन्होंने करोड़ों लोगों की इच्छाओं को कुचलने का काम किया। ये अलग बात है कि बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया गया था। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं। पश्चिम बंगाल में होने वाली राजनीतिक हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए नड्डा ने पूछा कि यह जंगलराज नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मारा गया है। दुख होता है, यह जो अपने आप को लोकतंत्र के चैंपियन कहते हैं, ऐसे मौकों पर उनकी आवाज नहीं निकलती है। हमें इसी मानसिकता को हटाना है।

नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत रखते हैं और देश भर के भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं।उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा में सफलता हासिल करनी है। आप पूरी ताकत लगाइए। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। 2011 में हमारा वोट प्रतिशत 2 फीसदी था। 2014 में यह बढ़कर 18 फीसदी हुआ और 2019 में यह 40 फीसदी पहुंच गया। हमें इसे 50 फीसदी में बदलना है। इसका संकल्प लें।

पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में भ्रष्ट शासन चलाने के लिये हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित भू माफिया ने शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को भी कलंकित किया।


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