मुंबई: कंगना ओर बीएमसी के बीच चल रहे कानूनी कार्रवाई आज कंगना को बड़ी राहत देते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस को नष्ट करने के आदेश को रद्द कर दिया है। बीएमसी ने धारा 354A के तहत कंगना के ऑफिस के अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए थे, किन्तु यह धारा केवल अभी चल रहे निर्माण के लिए प्रयोग किया जा सकता है किन्तु इस मामले में तस्वीरों से यह स्पष्ट है कि कंगना कि संपत्ति का पूर्ण निर्माण पहले से ही हो चुका था। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी द्वारा इस धारा का प्रयोग करना अत्यधिक भयावह और अभिनेत्री को कानूनी मदद लेने से रोकने की कोशिश का तरीका था।
कंगना ने बीएमसी के खिलाफ याचिका दर्ज करते हुए शिव सेना के अधिकृत बीएमसी पर अधिकारों का दुरुपयोग और निंदनीय कर्म करने का आरोप लगाया था। जिसके उत्तर में जस्टिस एस जे काथावाला और रियाज़ चाग्ला ने अपना निर्णय सुनते हुए कहा कि मिले तस्वीरों के आधार पर यह स्पष्ट है कि वह निर्माण पूर्व मौजूदा। यह कोर्ट किसी भी अनाधिकृत निर्माण की गणना नहीं करता है, हम याचिकाकर्ता के भी राज्य के संबंध में किसी भी बयान को अस्वीकार करते हैं और उन्हें स्वयं पर संयम रखने की सलाह देते हैं।
कंगना को पुनः अपने मकान में रहने की और गिरे हुए हिस्से की स्वीकृत प्लान के मुताबिक पुनः मरम्मत करने के लिए बीएमसी को आवेदन भेजने की अनुमति मिल गई है। जिसके विषय में जवाब देने का बीएमसी को 1 सप्ताह का समय होगा। एचसी ने कहा कि बीएमसी द्वारा गैरकानूनी विध्वंस करने के कंगना बीएमसी पर मुआवजे का दावा कर सकती है। जिसके लिए परिमाणक को आयुक्त किया गया है।