नारद टेप मामला : एसएमएच मिर्जा की जमानत याचिका सीबीआई अदालत ने की खारिज

कोलकाता : सीबीआई की एक विशेष अदालत ने नारद टेप मामले के सिलसिले में भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार निलंबित आईपीएस अधिकारी एचएमएच मिर्जा की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। साथ ही, उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 26 नवंबर तक के लिये बढ़ा दी। मिर्जा के वकील ने कोलकाता स्थित अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल इस कांड से किसी तरह से जुड़े हुए नहीं है लेकिन वह 49 दिनों से हिरासत में है। उन्होंने अदालत से मिर्जा को जमानत देने का अनुरोध किया क्योंकि उनकी गिरफ्तारी के बाद से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। वहीं, सीबीआई के वकीलों ने दलील दी कि मिर्जा की अपील खारिज की जाए क्योंकि पूछताछ के लिये उन्हें और अधिक समय तक हिरासत में रखे जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि मिर्जा वर्द्धमान के पुलिस अधीक्षक थे, जब वह 2014 में नारद न्यूज पोर्टल के संपादक मैथ्यू सैमुएल के एक स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर पकड़े गये थे। उन्हें इस साल 26 सितंबर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया था, जिसने शुरूआत में उन्हें पांच दिनों की सीबीआई रिमांड में भेजा था। बाद में अदालत ने 30 सितंबर को मिर्जा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया और इसमें दो बार विस्तार किया। नारद टेप कांड 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले सामने आया था। टेप में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे दिखने वाले व्यक्ति और मिर्जा एक काल्पनिक कंपनी को फायदा पहुंचाने के एवज में उसके प्रतिनिधियों से रुपये लेते दिखे थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। याचिका के जरिये फुटेज की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी।

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