कोलकाता : कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शहर के सरकारी आर.जी. कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म एवं हत्या मामले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को चिकित्सा महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और चार अन्य चिकित्सकों की ‘पॉलीग्राफ’ जांच कराने की अनुमति बृहस्पतिवार को दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने घोष और नौ अगस्त को घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद रहे चार अन्य कनिष्ठ चिकित्सकों को विशेष अदालत के समक्ष पेश किया ताकि उनकी ‘पॉलीग्राफ’ जांच कराने की अनुमति मांगी जा सके।
उन्होंने कहा कि ‘लाई डिटेक्टर’ जांच केवल अदालत की अनुमति और संदिग्ध की सहमति के बाद ही की जा सकती है।
अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई की अर्जी को विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया। एजेंसी ने मुख्य आरोपी संजय रॉय की भी ‘पॉलीग्राफ’ जांच कराने का अनुरोध किया है।
इससे पहले दिन में, सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने स्नातकोत्तर चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को दबाने का प्रयास किया था और जब तक संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल पर छेड़छाड़ की जा चुकी थी।
अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। कोलकाता पुलिस ने इस घटना के संबंध में अगले दिन रॉय को गिरफ्तार किया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी और इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली।