- बीएसएफ ने जनवरी में 70,000 किलो सुपारी से भरे दो बांग्लादेशी ट्रालर को किया था जब्त
- सुपारी को सुरक्षित पार कराने के बदले हर महीने 40 लाख लेता था उक्त अधिकारी
- तस्करों से पूछताछ व सबूतों के आधार पर डीआरआइ ने किया गिरफ्तार
कोलकाता : बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तरीके से सुपारी की तस्करी में सक्रिय गिरोह का कथित सरगना (किंगपिन) कस्टम विभाग का ही एक सुपरिटेंडेंट निकला है। बीएसएफ द्वारा इस साल जनवरी में बांग्लादेश की सीमा से लगे बंगाल के सुंदरवन जल क्षेत्र से जब्त किए गए 70,000 किलोग्राम सुपारी से भरे दो बांग्लादेशी ट्रालर के केस में कस्टम सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया है। उनका नाम समीर शंकर बताया गया है। बीएसएफ सूत्रों ने शनिवार को बताया कि इस मामले में गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ व सबूतों के आधार पर डीआरआइ ने शुक्रवार को आरोपित कस्टम अधिकारी को गिरफ्तार किया। वह कोलकाता में ही तैनात थे। 28 जनवरी को बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के खुफिया विभाग ने एक विशेष अभियान में सुंदरवन से सुपारी से भरे दोनों ट्रालर को जब्त किया था और उसपर सवार 27 बांग्लादेशी तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया था।
एफबी अल्लाहर डान 271 और 272 नाम के दोनों ट्रालर अवैध रूप से न्यू मूर द्वीप के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे और भारतीय तस्करों को सौंपने के लिए दक्षिण 24 परगना के झरखली फेरी घाट पर इसे उतारने के लिए जा रहे थे। ट्रालर से 1152 बोरी सुपारी बरामद की गई थी।
जब्ती के बाद सामान सहित गिरफ्तार बांग्लादेशियों को 30 को जनवरी आगे की जांच के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) को सौंप दिया गया था।
पूछताछ के दौरान इनमें अमल ढाली, प्रभाकर मंडल, अभिजीत घोष व राजू, इन चार तस्करों के नाम सामने आए, जिनके इशारे पर सुपारी को तस्करी कर लाया जाता था। तस्करों से जब्त किए गए मोबाइल फ़ोन की फोरेंसिक जांच के बाद बीएसएफ ने कई संदिग्ध नंबर व अहम सुबूत आगे की जांच के लिए डीआरआइ को सौंपा था। जिस पर कार्रवाही करते हुए डीआरआइ ने आरोपित कस्टम अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि सुपारी से भरे ट्रक को जांच से बचाने व सुरक्षित पार करने के बदले उक्त अधिकारी हर महीने 40 लाख रुपये लेता था।
पहले से भी लंबित हैं भ्रष्टाचार के मामले
गिरफ्तार कस्टम अधिकारी पर पहले से भी भ्रष्टाचार के मामले लंबित हैं, जिनकी विभगीय जांच चल रही है। वे जीएसटी व अन्य विभाग में भी काम कर चुके हैं। इधर, बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी एके आर्य ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल तस्करी गतिविधियों से निपटने और सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून का शासन बनाए रखने के अपने मिशन में दृढ़ है।
बीएसएफ सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा : एडीजी
बीएसएफ के पूर्वी कमान के एडीजी रवि गांधी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल सहयोगी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिससे सीमा पार तस्करी रैकेट का प्रबंधन करने वाले सरगनाओं तक पहुंचने और उन्हें सलाखों के पीछे डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। बलों और एजेंसियों ने अपराधियों के बारे में रीयल टाइम जानकारी साझा करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया है जिससे संयुक्त अभियान सफल हो रहे हैं।