हार को कैसे जीत में बदलते हैं, दुनिया भारत से सीखे
ब्रिजटाउन: भारत ने 11 साल का इंतजार खत्म करते हुए दक्षिण अफ्रीका को बेहद रोमांचक मैच में सात रन से हराकर टी20 विश्व कप जीत लिया ।
पिछले साल 19 नवंबर को अहमदाबाद में अधूरा रहा सपना आखिरकार वेस्टइंडीज में पूरा हुआ तो रोहित शर्मा की टीम के साथ टीवी के आगे नजरें गड़ाये बैठे भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की आंखें भी छलछला गई । इस आईसीसी खिताब के लिये 11 साल लंबा इंतजार जो था और जीत के नायक रहे विराट कोहली जिन्होंने जीत के साथ ही टी20 क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया ।
भारत ने 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीता था और आखिरी आईसीसी खिताब 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में दक्षिण अफ्रीका में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी । पिछले साल भारत में वनडे विश्व कप फाइनल में टीम आस्ट्रेलिया से हार गई थी ।
पावरप्ले में मिले शुरूआती झटकों से उबरते हुए विराट कोहली और अक्षर पटेल ने भारत को में सात विकेट पर 176 रन तक पहुंचाया । भारत ने एक समय पांचवें ओवर में तीन विकेट सिर्फ 34 रन पर गंवा दिये थे । इसके बाद अक्षर (31 गेंद में 47 रन) और कोहली (59 गेंद में 76 रन) ने टीम को संकट से निकाला ।
जवाब में हेनरिच क्लासेन (27 गेंद में 52 रन) ने एक समय दक्षिण अफ्रीका को जीत के करीब पहुंचा दिया था लेकिन भारत ने हार की कगार पर पहुंचकर जीत दर्ज की ।
पिछले छह महीने से क्रिकेटप्रेमियों के कोपभाजन रहे हार्दिक पंड्या ने आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 16 रन नहीं बनाने दिये । दक्षिण अफ्रीका की टीम आठ विकेट पर 169 रन ही बना सकी ।
अगला टी20 विश्व कप नहीं खेलने वाले विराट और रोहित के चेहरे पर जीत का इत्मीनान था । इसके साथ ही कोच राहुल द्रविड़ को भी शानदार विदाई मिली ।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने दो शुरूआती विकेट जल्दी निकाले जिसके बाद क्विंटोन डिकॉक (31 गेंद में 39 रन) और ट्रिस्टन स्टब्स (27 गेंद में 52 रन) ने 58 रन की साझेदारी करके दक्षिण अफ्रीका को मैच में लौटाया । रोहित ने 15वें ओवर में अक्षर को गेंद सौंपी जिसमें क्लासेन ने दो छक्के और दो चौके जड़ डाले । ऐसा लगने लगा था कि भारत की जद से मैच निकल चुका है लेकिन जब आखिरी छह गेंद में 16 रन चाहिये थे , तब सूर्यकुमार यादव ने लांग आफ सीमा पर अद्भुत रिले कैच लपककर जीत सुनिश्चित कर दी ।
इससे पहले भारत के लिये कोहली और अक्षर ने चौथे विकेट के लिये 54 गेंद में 72 रन की साझेदारी की ।
अक्षर दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए । बीच के ओवरों में कोहली धीमे पड़े और अपना अर्धशतक उन्होंने 48 गेंदों में पूरा किया ।
रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया । पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय कप्तान को दूसरे ही ओवर में केशव महाराज ने पवेलियन भेजा । स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में वह स्क्वेयर लेग पर कैच दे बैठे । उनके बाद आये ऋषभ पंत भी इसी अंदाज में आउट हुए ।
रोहित की ही तरह शानदार फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव के आउट होने से भारत को हरारा झटका लगा । उन्हें कैगिसो रबाडा ने फाइन लेग पर कैच आउट कराया । भारत ने पावरप्ले के भीतर ही तीन विकेट गंवा दिये । छह ओवर के बाद भारत का स्कोर तीन विकेट पर 45 रन था ।
दूसरे छोर से विकेटों का पतन देख रहे कोहली ने बीच के ओवरों में संभलकर खेला । उन्होंने पहले ही ओवर में हालांकि मार्को जेनसन को तीन चौके लगाये थे ।
कोहली ने अपनी पारी का पहला छक्का रबाडा को 18वें ओवर में लगाया । दूसरे छोर से अक्षर ने अपने टी20 कैरियर की सबसे उपयोगी पारी खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका के स्पिनरों को अच्छे स्ट्रोक्स लगाये । उन्होंने एडेन माक्ररम, महाराज और तबरेज शम्सी को एक एक छक्का लगाया । इसके अलावा रबाडा को भी गगनभेदी छक्का जड़ा ।
भारत ने सातवें से 15वें ओवर के बीच में 72 रन बनाये और अक्षर का विकेट गंवाया । रबाडा की उछलती गेंद पर कोहली एक रन लेना चाहते थे लेकिन गेंद विकेटकीपर क्विंटोन डिकॉक के पास गई और दूसरे छोर से अक्षर काफी आगे आ चुके थे । डिकॉक ने गिल्लियां बिखेरने में देर नहीं की ।
शिवम दुबे ने 17 गेंद में 27 रन बनाये । कोहली ने आखिरी पांच ओवर में दो छक्के जड़े । भारत ने आखिरी पांच ओवर में 58 रन बनाये और तीन विकेट गंवाये ।