आईओसी का 2047 तक 1,000 अरब डॉलर की कंपनी बनने का लक्ष्य : चेयरमैन

नयी दिल्ली : देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) 2047 तक राजस्व के लिहाज से 1,000 अरब डॉलर की कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
आईओसी के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा है कि कंपनी अपने तेल रिफाइनिंग और ईंधन विपणन कारोबार के साथ स्वच्छ ऊर्जा, मसलन हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के जरिये यह लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
बीते वित्त वर्ष 2023-24 में आईओसी ने 8.66 लाख करोड़ रुपये (104.6 अरब डॉलर) के राजस्व पर रिकॉर्ड 39,619 करोड़ रुपये (4.7 अरब डॉलर) का शुद्ध लाभ कमाया है।
वैद्य ने कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि कंपनी एक संतुलित पोर्टफोलियो के लिए जीवाश्म ईंधन और नवीन ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करना जारी रखेगी। कंपनी का इरादा 2046 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने का है।
कंपनी अपनी तेल शोधन क्षमता का विस्तार करेगी और पेट्रोरसायन इकाइयों में निवेश करेगी जो कच्चे तेल को सीधे मूल्यवर्धित रसायनों में बदलने का काम करेंगी। इसके अलावा कंपनी गैस, जैव ईंधन और स्वच्छ परिवहन पर भी विशेष ध्यान देगी।
वैद्य ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने के साथ ऊर्जा जरूरतें भी बढ़ रही हैं। ‘भारत की ऊर्जा’ के रूप में हम गति बढ़ा रहे हैं और अपनी क्षमता का विस्तार कर रहे हैं। हम देश की प्रमुख ऊर्जा कंपनी बनना चाहते हैं और हमारा लक्ष्य 2050 तक भारत की कुल ऊर्जा जरूरत का 12.5 प्रतिशत को पूरा करने का है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईओसी 2047 तक एक हजार अरब डॉलर की कंपनी बनने की महत्वाकांक्षी यात्रा पर है।’’
उन्होंने कहा कि 1,000 अरब डॉलर की कंपनी बनने का लक्ष्य भारत के 2047 तक 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
वैद्य ने कहा कि निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आईओसी पुरानी परियोजनाओं के विस्तार और नई परियोजनाओं में उल्लेखनीय निवेश करेगी।
उन्होंने कहा कि पेट्रोरसायन एकीकरण भी एक प्रमुख क्षेत्र है जो हमारी मूल्य श्रृंखला को काफी समृद्ध करेगा। कंपनी का हरियाणा के पानीपत और ओडिशा के पारादीप में पेट्रोरसायन विस्तार का पहला चरण पूरा हो गया है। इसके अलावा गुजरात रिफाइनरी में भी विस्तार चल रहा है जो 2024-25 में शुरू हो जाएगा। कंपनी बरौनी रिफाइनरी में एक पॉलिप्रोपीलीन इकाई भी लगा रही है।
वैद्य ने कहा, ‘‘हम अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। इसमें 1.3 करोड़ टन की वृद्धि का लक्ष्य है। इसके अलावा हम 2030 तक 15 प्रतिशत पेट्रोरसायन गहनता सूचकांक हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हरित भविष्य के अपने दृष्टिकोण के तहत हम अपनी हरित पहल को मजबूत करेंगे और टेरा क्लीन लिमिटेड नाम से एक अनुषंगी कंपनी की स्थापना करने जा रहे हैं। ‘‘यह नई इकाई कम कार्बन, नवीन, स्वच्छ और हरित ऊर्जा कारोबार के काम को आगे बढ़ाएगी।’’
आईओसी ने 2023-24 में 1,260 नए पेट्रोल पंप जोड़े, जिससे इनकी कुल संख्या बढ़कर 37,472 हो गई। इसमें 2,110 सीएनजी स्टेशन और 9,059 ईवी चार्जिंग स्टेशन (91 बैटरी अदला-बदली सहित) भी हैं।
वैद्य ने कहा, ‘भारत की ऊर्जा’ के रूप में आपकी कंपनी देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूती से तैयार है।’’
आईओसी प्रतिदिन 16 लाख बैरल से अधिक कच्चे तेल का प्रसंस्करण करती है, अपने 37,500 से अधिक पेट्रोल पंप के माध्यम से लाखों लोगों को ईंधन का वितरण करती है।
कंपनी सालाना 7.02 करोड़ टन कच्चे तेल को ईंधन में बदलने की कुल क्षमता वाली नौ रिफाइनरियों का परिचालन करती है।
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता भारत में कच्चे तेल की मांग 2023 के 54 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) से बढ़कर 2040 तक 93 लाख बीपीडी होने का अनुमान है।
इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश की रिफाइनिंग क्षमता को मौजूदा 25.68 करोड़ टन सालाना से बढ़ाकर 45 करोड़ टन करने की जरूरत होगी।
इसके अलावा देश सालाना 50 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने के लिए तैयार है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट (जीडब्ल्यू) स्थापित नवीकरणीय क्षमता हासिल करने का है।

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