फेरी सेवा में नहीं पड़ा असर
हावड़ा, समाज्ञा : हावड़ा में शुरू हुई मेट्रो सेवा को यात्रियों द्वारा अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बेहतरीन विकल्प के रूप में चुना जा रहा है। हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड मेट्रो को 20 दिन पूरे हो चुकें हैं। गणना कहती है कि बस में औसतन 50 हजार यात्री कम हो गए हैं। कम दूरी के बस रूट के यात्री बस छोड़कर मेट्रो पकड़ लेते हैं। हालांकि, फेरी सेवा में यात्रियों की संख्या में कमी नहीं आई है। ऐसा देखा जा रहा है कि बिबाडी बाग, धर्मतला, पार्क स्ट्रीट जाने वाले लोगों के एक वर्ग ने मेट्रो का विकल्प चुना है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, हर साल गर्मियों में यात्रियों की संख्या में कमी देखी जाती है। परिवहन विभाग स्वयं हावड़ा-शिपिंग, हावड़ा-फेयरली घाटों का संचालन करता है। इसके अलावा, हुगली नदी जलमार्ग परिवहन सहकारी समिति के प्रबंधन के तहत, हावड़ा से अर्मेनिया, चांदपाल, बाबूघाट, कुथीघाट, बागबाजार सहित कुल 8 मार्गों पर घाट संचालित होते हैं। छुट्टियों को छोड़कर इन मार्गों पर औसतन 50-55 हजार यात्री सफर करते हैं। इसके अलावा, अधिकतकर कार्यालय स्ट्रैंड रोड के पास स्थित है। यहां पहुंचने के लिए मेट्रो से उन यात्रियों को कोई फायदा नहीं है। यही कारण है कि मेट्रो शुरू होने के बाद भी फेरी सेवा के यात्रियों की संख्या कम नहीं हुई है। इसके अलावा, मेट्रो का किराया 10 रुपये हैं। वहीं, फेरी घाट का किराया 6 रुपये होना भी एक कारण है।
वहीं, सरकारी और निजी बसों में यात्री काफी कम हो गए हैं। हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड या पार्क स्ट्रीट की ओर आने वाले यात्रियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस पर बस मालिकों का कहना है कि वे अभी अपना रूट बदलने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। वे और कुछ दिन मेट्रो में यात्रियों की संख्या देखना चाहते हैं। ऑल बांग्ला बस-मिनीबस कोऑर्डिनेटिंग एसोसिएशन के महासचिव राहुल चट्टोपाध्याय ने कहा, ”बस यात्रियों में कमी तो आई है। जब धर्मतला और सियालदह से मेट्रो जुड़ जाएगा, तब यात्रियों की संख्या और कम होगी। हम बाद में रूट बदलने पर विचार करेंगे