नई दिल्ली : निर्भया की मां ने दरिंदगी करने वालों में से एक दोषी के सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन के खिलाफ याचिका दाखिल की है। फांसी की सजा पाए चार आरोपियों में से एक अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर की है। इसके खिलाफ निर्भया की मां ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अक्षय ठाकुर की अर्जी पर शीर्ष अदालत ने 17 दिसंबर को सुनवाई का फैसला लिया है।
निर्भया की मां का कहना है कि दोषी ने रिव्यू पिटिशन फांसी की सजा में देरी के लिए डाली है। उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा होनी चाहिए और उसमें देरी नहीं की जानी चाहिए। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत में भी शुक्रवार को चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी करने को लेकर सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट ने वॉरंट जारी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अभी एक दोषी की रिव्यू पिटिशन सुप्रीम कोर्ट में है। उससे पहले डेथ वॉरंट पर आदेश नहीं दिया जा सकता।
एक साथ चारों को फांसी देने की तैयारी में तिहाड़ प्रशासन
इस बीच
तिहाड़
जेल
प्रशासन
देश
को दहला
देने
वाले
निर्भया
कांड
के दोषियों
को फांसी
देने
की तैयारियों
में
जुटा
है।
जेल
सूत्रों
के मुताबिक
एक साथ
ही चारों
को फांसी
देने
के लिए
एक नई तकनीक
का परीक्षण
किया
जा रहा
है।
फांसी
के तख्त
में
कुछ
बदलाव
के जरिए
यह काम
किया
जा रहा
है।
इसके
अलावा
यह भी देखा
जा रहा
है कि क्या
चार
लोगों
का वजन
एक बार
में
यह उठा
सकता
है या नहीं।
सूत्रों
ने कहा
कि यह जरूरी
है कि चारों
दोषियों
को एक ही साथ
फांसी
पर लटकाया
जाए।
इसकी
वजह
यह है कि यदि
किसी
शख्स
को बेचैनी
के चलते
समस्या
हो जाती
है या फिर
वह बीमार
हो जाता
है तो फांसी
टालनी
होगी।