स्कूल प्रशासन की लापरवाही से मासूम ने तोड़ा दम, अभिभावकों ने किया जमकर प्रदर्शन

आरोप, स्कूल में छात्र की तबीयत बिगड़ने की खबर नहीं दी गयी माता-पिता को

हावड़ा : सांकराइल थाना के नाजिरगंज जांच केंद्र के अंतर्गत पोदरा इलाके में स्थित ऑक्सफोर्ड हाई स्कूल के कक्षा 3 के एक छात्र की स्कूल में अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गयी। आक्रोशित परिजनों ने स्कूल की लापरवाही से छात्र की मौत का आरोप लगाकर स्कूल के गेट के सामने जमकर प्रदर्शन किया। मृत बच्चे को नाम सोहम माईती (9) है। वह कक्षा 3 का छात्र था।

क्या है पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत शुक्रवार को सोहम अपने पिताजी के साथ साइकिल से स्कूल आया था। स्कूल में पांचवी पीरियड तक सब कुछ ठीक था लेकिन छठवीं पीरियड में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गयी। इसके बाद स्कूल की ओर से उसे पोदरा के पास एक गैर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोप है कि स्कूल प्रशासन की ओर से बच्चे की तबीयत बिगड़ने की खबर बच्चे के अभिभावक को नहीं दी गयी। वहीं स्कूल के छुट्टी होने के समय यानी करीब 12 बजे बच्चे को उसकी मां स्कूल लेने पहुंची तब स्कूल की ओर से उन्हें बताया गया कि उनका बच्चा बीमार है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आनन-फानन में बच्चे की मां ने अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों मामले की जानकारी दी जिसके बाद सभी मिलकर अस्पताल पहुंचे जहां बच्चे को भर्ती कराया गया था। वहां पहुंचने पर डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि बच्चे का इलाज यहां संभव नहीं है इसलिए वे उसे लेकर कोलकाता के अस्पताल में ले जाये। अभिभावक ने बच्चे को कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां गत 3 अगस्त को उसकी मौत हो गयी।

अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

उधर, इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने स्कूल के सभी बच्चों को मोबाइल पर एसएमएस किया कि सोमवार को स्कूल बंद रहेगा। वहीं मंगलवार को जब स्कूल खुला तो आक्रोशित बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल गेट के सामने जमकर प्रदर्शन किया। स्कूल के खिलाफ नारे लगाए गये। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल की लापरवाही के कारण बच्चे की चिकित्सा ठीक से नहीं हुयी। स्कूल प्रशासन बच्चे को किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती करा सकता था। इसके विरोध में मंगलवार को अभिभावकों ने करीब 1 घंटे तक रास्ता विरोध किया।

उतारी गयी रैफ

वहीं रास्ता अवरोध व स्कूल के सामने प्रदर्शन की खबर मिलने पर सांकराइल थाना और नाजिरगंज जांच केंद्र की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने पहले अभिभावकों को समझाने की कोशिश की लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर रैफ को उतारा गया। हालांकि समाचार लिखे जाने तक वहां तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

स्कूल प्रबंधन पर सवाल

अस्पताल से मिली रिपोर्ट में कहा गया था कि बच्चे की मौत का कारण इंसेफलाइटिस है। अभिभावक का कहना है कि अगर उसे इंसेफलाइटिस होता तो घरवालों को पहले पता चलता अर्थात बच्चा में पहले से इसके कोई लक्षण दिखते लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। अभिभावक का कहना है कि बच्चा बिल्कुल स्वस्थ था। रात को बच्चे ने खेला और सुबह भी साइकिल से हंसता हुआ विद्यालय गया था। मृतक छात्र के परिजनों और लोगों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। अभिभावक का कहना है कि जब छात्र बीमार हुआ तो तुरंत उसके अभिभावक से संपर्क क्यों नहीं किया गया। अगर फोन पर संपर्क नहीं हो पाया तो स्कूल का कोई स्टाफ घर आकर भी इसकी जानकारी दे सकता था। अगर समय रहते उसे अच्छी चिकित्सा मिल जाती तो बच्चे की जान बच सकती थी। बता दे बच्चे का घर विद्यालय के ठीक पीछे ही है।

स्कूल ने दी सफाई

इस मामले में स्कूल प्रशासन ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने के तुरंत बाद ही अभिभावक से हमने संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली। इस कारण अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्कूल प्रबंधन के अनुसार परिजनों ने छात्र की बीमारी की बात से कभी भी स्कूल को अवगत नहीं कराया था। यह सिर्फ एक हादसा है।

क्या है इंसेफलाइटिस या दिमागी बुखार

क्यूलेक्स मच्छर में आरबो नामक वायरस पाया जाता है और ये मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो वह इंसेफलाइटिस या दिमागी बुखार से पीड़ित हो जाता है। दिमाग बुखार के कारण व्यक्ति की सोचने, समझने, देखने की क्षमता खत्म हो जाती है।

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