- -हिंसा से दूर रहने का दिया संदेश
हावड़ा,समाज्ञा: लक्ष्मी रतन शुक्ला अपने इस्तीफे के तीन दिन बाद सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने आए। उन्होंने गुरुवार दोपहर हावड़ा के डुमुरजला एलआरएस अकादमी में संवाददाताओं से मुलाकात की। इस संवाददाता सम्मेलन में लक्ष्मी रतन शुक्ला ने उनकों लेकर चल रही सभी अटकलों पर पूर्ण विराम लगाया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भले ही वह राजनीति से पीछे हट रहे हैं, लेकिन किसी भी पार्टी में शामिल होने का कोई सवाल नहीं है।
विधानसभा चुनाव 2021 से पहले तृणमूल में विघटन का खेल चल रहा है। कई लोगों ने हाल ही में पार्टियों को बदल दिया है, जिसमें शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। हावड़ा में भी पार्टी की स्थिति भी काफी अस्थिर है। राजीव बनर्जी ने बार-बार पार्टी के खिलाफ बोला है। इसी बीच कोई संकेत न देते हुए लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंगलवार को अचानक मंत्रालय छोड़ दिया। तब से, कई लोग कह रहे हैं कि लक्ष्मी रतन शुक्ला भी शुभेंदु की तरह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
इन्हीं अफवाहों को रोकने के लिए मंत्रालय छोड़ने के बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला ने पहली बार एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें एक एथलीट के रूप में जाना जाता है। वे खेल के मैदान पर फिर से पूरा समय बिताना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मैं बंगाली क्रिकेट को और आगे ले जाना चाहता हूं। इसलिए वह कुछ समय के लिए राजनीति से ‘संन्यास’ ले रहे हैं। उन्होंने कहा, उनकी किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है। मैं बस लोगों की सेवा भी करना चाहता हूं। उन्हें मंत्रालय और जिला अध्यक्ष पद से क्यों इस्तीफा देना पड़ा। इस संबंध में, लक्ष्मी रतन ने सभी सवालों को टाल दिया और कहा कि कुछ चीजें उन्हें अंदर रखनी होंगी। लेकिन उन्हें किसी के प्रति कोई नाराजगी नहीं है। मंत्री अरूप रॉय ने उनके इस्तीफे पर कहा है कि यह युद्ध के मैदान से भागने जैसा था। इस पर उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है।
किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की कोई योजना नहीं-लक्ष्मीरतन शुक्ला
