ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप है : धनखड़
कसा तंज, क्या राज्पाल से मिलने के लिए अधिकारियों को राज्य सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत है?
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी बैठक में शामिल होने से सरकारी अधिकारियों के इनकार के बाद कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार की सेंसरशिप है। गौरतलब है कि जिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रशासनिक दौरे को देखते हुए राज्यपाल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। धनखड़ ने उनके इनकार को ‘असंवैधानिक’ बताया है। राज्यपाल ने पिछले हफ्ते उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों के जिला मजिस्ट्रेट, नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने मंगलवार से यहां का दौरा प्रारंभ किया है। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल कार्यालय को सोमवार की शाम दो जिलों के मजिस्ट्रेटों के पत्र मिले जिनमें कहा गया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री के उत्तर बंगाल के दौरे में व्यस्तता के चलते राज्यपाल की बैठकों में शामिल नहीं हो पाएंगे। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि उनके (राज्यपाल) दौरे के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। राज्यपाल ने बताया, ‘जिला अधिकारियों के पत्र देखकर मैं हैरान हूं। पत्रों में उन्होंने बैठकों में शामिल होने में असमर्थता जताई है वह भी तब जबकि उन्हें चार दिन पहले इस बाबत सूचना दी गई थी। पता नहीं, लेकिन ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में किसी तरह की सेंसरशिप है।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद मैं जिलों का अपना दौरा जारी रखूंगा।’ बाद में संवाददाताओं से बातचीत में धनखड़ ने आश्चर्य जताया कि जब मुख्यमंत्री जिले के दौरे पर होती हैं तो क्या राज्य सरकार अवकाश पर चली जाती है। धनखड़ ने कहा, ‘क्या यह उचित है कि जब राज्यपाल किसी से मुलाकात करना चाहते हों तो इस पर सेंसरशिप हो या फिर राज्य सरकार से मंजूरी लेने की जरूरत हो? मैं राज्य सरकार के मातहत नहीं हूं। मेरे हिसाब से यह असंवैधानिक है।’