कोलकाता: पश्चिम बंगाल लौटने वाले ऐसे प्रवासी मजदूर जो कोविड-19 से संक्रमित हुए और उससे उबर गए, उनसे राज्य सरकार संपर्क कर रही है कि वे महानगर में महामारी से पीड़ित और विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों की सहायता करें।
49 प्रवासी मजदूरों को ‘कोविड-19 योद्धा क्लब का सदस्य बनाया
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने 49 प्रवासी मजदूरों को ‘कोविड-19 योद्धा क्लब’ का सदस्य बनाया है ताकि वे कोराना वायरस के रोगियों की मदद कर सकें।उन्होंने कहा कि ये मजदूर वीरभूम, कूचबिहार, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर और मुर्शिदाबाद के हैं और उन्हें 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘इन कोविड-19 योद्धाओं का मुख्य काम अस्पतालों में कोरोना वायरस के वार्ड में रोगियों के साथ अपने ठीक होने की कहानी साझा कर उनका उत्साहवर्द्धन करना है। ये व्यक्ति उपचार करा रहे लोगों के रिश्तेदारों को उनके हालत से भी अवगत कराएंगे।’’
काम में लगाने से पहले सात दिनों तक प्रशिक्षित किया गया
अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को काम में लगाने से पहले सात दिनों तक प्रशिक्षित किया गया कि रोगियों की सहायता करते समय किस तरह से सुरक्षा उपाय करने हैं।अधिकारी ने बताया, ‘‘वे मुख्य रूप से काउंसिलिंग के माध्यम से गैर चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं। वे रोगियों, उनके रिश्तेदारों और अन्य लोगों को महामारी के बारे में जागरूक करने में भी भूमिका निभाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है कि किस तरह से ऑक्सीजन सिलेंडर बदलना है, रक्तचाप, शरीर के तापमान की जांच करनी है और रोगियों के उपचार के लिए कुछ अन्य मूल चीजों का प्रशिक्षण दिया गया है।उनमें से सभी को साल्ट लेक स्टेडियम के यूथ हॉस्टल में ठहराया गया है।अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की योजना के मुताबिक हरेक जिले में इस तरह के क्लब बनाए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूर अब कोविड-19 योद्धा बनेंगे
