आत्मनिर्भर आर्थिक पैकेज से प्रथम प्रक्रिया की शुरूआत

-स्वदेशी को बल देने के लिए लघु उद्योग को दी संजीवनी

-50000 करोड़ का फंड एमएसएमई में डाला जाएगा

कोलकाता, 13 मई (समाज्ञा संवाददाता) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के पहले चरण का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा 15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 एमएसएमई के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है और 2 पीएफ से जुड़े हैं। एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी का मिलेगा। सूक्ष्म, लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान। वहीं 50000 करोड़ का फंड एमएसएमई में डाला जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट के फौरन बाद कोरोना आ गया। बजट सेशन के बाद हमने गरीब कल्याण योजना के तहत 41 करोड़ खातों में पैसा पहुंचा था। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था उन्हें भी राशन दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मोदी सरकार लोगों से बातचीत और संवेदनशीलता में भरोसा रखती है और बजट के बाद तुरंत कोरोना का प्रकोप आ गया।

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। आत्मनिर्भर भारत बनाने का उसने देश के लोगों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में अवसर देख रहे हैं।

आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि नवंबर अंत तक, विवाद से विश्‍वास योजना दिसंबर तक बढ़ी:

सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्‍वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिये इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गई है।
वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपये तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया।

टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कल से अगले साल तक टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट दी जा रही है जो कि अगले साल 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। इससे 50000 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

ठेकेदारों को 6 महीने की राहत:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा निर्माण के काम के लिए 6 महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है, निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यानी सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक ठेकेदारों को राहत देंगे। पीपीपी में भी छह महीने तक राहत दी जा सकती है। बिल्डरों को भी मकान पूरा करने के लिए वक्त मिलेगा।

कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम लाई जा रही है। डिस्कॉम को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है, उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता तय की गई है। एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा। इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।

सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन माह के लिए बढ़ाई जा रही है, जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। जिन कर्मचारियों का 24% ईपीएफ अंशदान सरकार नहीं भर रही है यानी जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों

एमएसएमई इकाइयों को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमएई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा देने की घोषणा की।
इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा।वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी।इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा

और 6 महीने तक करना पड़ सकता है फ्लैट का इंतजार:

रीयल एस्टेट कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को रीयल्टी परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा छह महीने बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून यानी रेरा कानून के तहत कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय आपदा’ माना जाएगा।
आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के रीयल एस्टेट नियामकों को परामर्श जारी कर कोविड-19 को ‘दैवीय आपदा’ के रूप में लेने को कहेगा, जिससे रेरा कानून के तहत इसे ‘ मनुष्य के वश से बाहर की आपदा’ माना जाएगा। इससे बिल्डरों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और समय दिया जा सकेगा।

भारत की कंपनियां बनाएंगी विश्‍व स्तरीय पहचान:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया गया है।आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, उसने देशवासियों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में भी अवसर देख रहे हैं। भारत की कंपनियों ने दुनिया में दवाइयां पहुंचाई, जिसकी काफी प्रशंसा हुई। जब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, इस दिशा में काम होता रहेगा।वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि प्रतिदिन अलग-अलग सेक्टर को लेकर जानकारी दी जाएगी। डिमांड को कैसे बढ़ाना है, डिमांड सप्लाई चेन कैसे बनी रहे और अर्थव्यवस्था कैसे दुरुस्त रहे इस पर काम करने की जरूरत है। गरीबों के खाते में सीधा पैसा पहुंच रहा है। डीबीटी के जरिए हमारी सरकार गरीबों तक मदद पहुंचाने का काम कर रही है।

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