करतारपुर कॉरिडोर के लिए हर यात्री से 1400 रुपये वसूलने पर पाक अड़ा

शुरू नहीं हो सका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली : करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए भले ही पाकिस्तान 9 नवंबर से कॉरिडोर खोलने की बात कर रहा है, लेकिन उससे पहले अब उसने रजिस्ट्रेशन फीस का अड़ंगा लगा दिया है। गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के लिए रविवार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत होनी थी, लेकिन पाकिस्तान अब भी 20 डॉलर फीस वसूली पर अड़ा हुआ है। इस पर भारत ने ऐतराज जताया है। अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान हर एक तीर्थयात्री से 20 डॉलर यानी करीब 1,400 रुपये की फीस वसूलना चाहता है।


उम्मीद की जा रही थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर सभी मुद्दों पर शनिवार को सहमति बना ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘अभी कई मसलों पर सहमति नहीं बन सकी है, इसलिए रविवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत नहीं हो पाई है।’
पाकिस्तान के साथ जिन मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बन सकी है, उनमें करतारपुर साहिब के दर्शन की टाइमिंग और फीस शामिल हैं। भारत ने पाकिस्तान से प्रति यात्री 20 डॉलर की फीस वसूले जाने को लेकर एक बार फिर से विचार करने को कहा है। इसके अलावा हर दिन 10,000 यात्रियों को दर्शन की अनुमति देने की मांग की है। यही नहीं भारत ने हर दिन भारतीय प्रॉटोकॉल ऑफिसर के भी दौरे की अनुमति मांगी है।

इमरान ने किया 9 नवंबर से कॉरिडोर खुलने का ऐलान
इस बीच पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने 9 नवंबर से करतारपुर गलियारे को खोले जाने का ऐलान किया है। यह कॉरिडोर करतारपुर के दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक धर्मस्थल से जोड़ेगा जिससे उससे भारतीय श्रद्धालु वीजा मुक्त आवाजाही कर पाएंगे। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए बस एक परमिट लेना होगा।

गुरु नानक देव ने की थी गुरुद्वारे की स्थापना
पहले सिख गुरु नानक देवजी ने 1522 में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी। पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है, जबकि पंजाब के डेरा बाबा नानक से सीमा तक गलियारे का दूसरा हिस्सा भारत ने तैयार किया है।

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