कोरोना वायरस के बीच चीन में फंसे अपनों को पाकिस्तान ने भारत की मदद लेने से रोका

नई दिल्ली : करोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे चीन में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में हर देश वहां से अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश में जुटा है। भारत सरकार भी चीन से अपने नागरिकों को लगातार निकाल रही है। इतना ही नहीं हमेशा की तरह भारत ने पड़ोसी देशों से भी कहा है कि वह अगर चाहें तो भारत उनके नागरिकों को चीन से निकालने में मदद करने के लिए तैयार है। भारत की इस पेशकश का लाभ मालदीव ने उठाया है। चीन में फंसे मालदीव के छात्र भारतीय विमान से लौट आए हैं। भारत की इस पेशकश का लाभ फिलहाल पाकिस्तान ने नहीं लिया है।

संसद में बीजेपी की सांसद रूपा गांगुली ने सरकार से स्पष्टीकरण पूछते हुए जानना चाहा था कि क्या भारत सरकार चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को लाने के लिए भी कोई प्रयास करेगी, क्योंकि देश पहले भी विश्व में इस तरीके से अन्य देशों के नागरिकों की मदद के लिए पहल कर चुका है।

इसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के छात्रों को भी भारतीय विमानों से लाने की पेशकश की गई थी, जिसका मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया। यहां आपको याद दिला दें कि यमन और लीबिया में युद्ध की स्थिति में भारत ने अपने नागरिकों के साथ पाकिस्तानी लोगों को भी बाहर निकाला था। इस वजह से तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दुनिया भर में सराहना हुई थी।

यहां आपको बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तल्ख बने हुए हैं। जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मसला होने के बावजूद पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठा रहा है।

चीन में अब भी फंसे हैं 80 भारतीय छात्र
सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि चीन में करॉना वायरस से बुरी तरह प्रभावित वुहान क्षेत्र में अभी तक 80 भारतीय छात्र मौजूद हैं। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन को यह जानकारी दी। इससे पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने करॉना वायरस के बारे में अपनी ओर से एक बयान पढ़ा था। उस बयान पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा था और उन्हीं स्पष्टीकरणों के जवाब में विदेश मंत्री ने यह जानकारी दी।

विदेश मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने चीन के वुहान क्षेत्र में भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए दो उड़ानें भेजी थीं। उन्होंने बताया कि 80 भारतीय छात्र अभी वुहान में ही हैं। इनमें से 70 छात्र स्वेच्छा से वहां रुके हैं। उन्होंने कहा कि दस भारतीय छात्र चीन में हवाईअड्डे तक आ गए थे। किंतु उन्हें बुखार होने के कारण चीन के अधिकारियों ने देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी।

जयशंकर ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार चीन में भारतीय नागरिकों की मदद के लिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बीजिंग से भारतीय दूतावास के दो अधिकारी भी वुहान गए थे ताकि छात्रों को वापस स्वदेश भेजा जा सके। विदेश मंत्री की इस घोषणा का सदस्यों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया। जयशंकर ने कहा कि जब भारतीय उड़ानें वुहान गई थीं तब यह पेशकश की गई थी कि पड़ोसी देशों का कोई भी छात्र उन उड़ानों से भारत आ सकता है। उन्होंने बताया कि इस पेशकश का मालदीव के सात छात्रों ने लाभ उठाया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने दिए बयान में कहा कि अभी तक केरल से करॉना वायरस के तीन पॉजिटिव मामलों का पता चला है। तीनों का चीन के वुहान की यात्रा करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीनों लोगों को पृथक किया गया है और क्लीनिकल आधार पर उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है। हर्षवर्द्धन ने बताया कि सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों का एक समूह बनाया है।

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