अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान

इस्लामाबादः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी और उस पर अंकुश लगाने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पेइचिंग में होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान बेचैन है। अब उसने अमेरिका से गुहार लगाई है कि वह उसे एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में मदद करे। इस्लामाबाद इसलिए इतना बेचैन है क्योंकि अगर अप्रैल तक वह एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से नहीं निकल पाया तो वह ब्लैकलिस्ट हो सकता है। पेइचिंग में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान की तरफ से उठाए गए कदमों की समीक्षा होगी।


इसी हफ्ते ट्रंप से मिलेंगे इमरान
इसी हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। खान स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की 21 जनवरी से 23 जनवरी तक होने वाले सम्मेलन में शामिल होंगे।डब्लूईएफ से इतर वह ट्रंप से मुलाकात करेंगे। खास बात यह है कि पेइचिंग में एफएटीएफ वर्किंग ग्रुप की बैठक भी 21 जनवरी से 23 जनवरी तक चलेगी।

पेइचिंग में मंगलवार से एफएटीएफ वर्किंग ग्रुप की बैठक
एफएटीएफ वर्किंग ग्रुप के साथ 3 दिनों तक आमने-सामने की बातचीत के लिए पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को ही पेइचिंग पहुंच चुका है। एफएटीएफ वर्किंग ग्रुप के साथ पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की फेस-टु-फेस बातचीत मंगलवार से शुरू होगी। इस दौरान इस बात की समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तान ने पैरिस में एफएटीएफ की बैठक के दौरान तय किए गए मानकों का पालन किया है या नहीं।

एफएटीएफ बैठक के लिए पेइचिंग पहुंचा पाकिस्तान का दल
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मिनिस्टर फॉर इकनॉमिक अफेयर्स डिविजन हम्माद अजहर कर रहे हैं, जिसमें नैशनल काउंटर टेररिजम अथॉरिटी, विदेश मंत्रालय, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

अप्रैल तक ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकला पाक तो होगा ब्लैकलिस्ट
पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के लिए टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम होने की वजह से पाकिस्तान को ‘ग्रे ‘लिस्ट में रखने का फैसला किया। अगर इस साल अप्रैल तक पाकिस्तान इस लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और उस पर ईरान की तरह ही कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

8 जनवरी को पाक ने भेजी थी रिव्यू रिपोर्ट
पाकिस्तान ने 8 जनवरी को एफएटीएफ को 650 पेज की रिव्यू रिपोर्ट सौंपी थी। यह रिपोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर पाकिस्तान की नई नीतियों के संबंध में एफएटीएफ द्वारा पूछे गए 150 सवालों के जवाब में पेश की गई। रिपोर्ट में अक्टूबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच एफएटीएफ की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जताई थी उम्मीद-यूएस करेगा मदद
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को वॉशिंगटन में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उम्मीद जताई थी कि पेइचिंग में अमेरिका इस्लामाबाद को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में मदद करेगा। कुरैशी 3 दिन की अमेरिका यात्रा पर गए थे। उस दौरान उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन समेत तमाम अधिकारियों और सांसदों से मुलाकात की।

समय आ गया है कि ट्रंप वादा निभाएं: कुरैशी
कुरैशी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले साल पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ अपनी बैठक में कहा था वह इस्लामाबाद को एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से बाहर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्हें उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी अब इस दिशा में काम करेंगे। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ के मानकों को पूरा करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं और अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने वादे को पूरा करें।

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