अर्थाभाव से मजबूर माता-पिता ने मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी को बेड़ियों से जकड़ा

बर्दवान : मां बाप के लिए उसकी संतान दुनिया की सबसे अनमोल चीज होती है। चाहे जितने भी दुख दर्द क्यों ना हो , मां बाप अपने बच्चों को जरा भी तकलीफ में नहीं देख सकते हैं। लेकिन कुछ मुसीबतें ऐसी आती हैं कि मां बाप को ही अपने बच्चों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर देती है।  कुछ इसी तरह का मामला पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के कटवा अनुमंडल अंतर्गत केतुग्राम दो नंबर ब्लॉक के सीताहाटी गांव से भी सामने आया है। यहां मामपी खातून नामक एक 12 साल की बच्ची को बेड़ियों में बांध कर रखने का आरोप उसी के माता-पिता पर लगा है। यह 12 साल की बच्ची कथित तौर पर मानसिक रूप से बीमार है और उसके माता पिता ने उसके इलाज के पीछे हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी उसे ठीक नहीं करा पाए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस बच्ची ने आसपास के कई बच्चों पर जानलेवा हमला करने के साथ ही साथ कई बार घर से भाग  चुकी है। अपने बच्चे की इस दशा के बाद आखिरकार मामपी की मां सबीना बीबी और पिता मिराज शेख ने उसे बेड़ियो में बांधकर रखने का फैसला किया। हालांकि उनके इस फैसले में उनका दर्द भी झलकता है। लेकिन लोगों को होने वाली परेशानियां और मामपी के पलायन के भय से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। सबीना बीबी के माने तो मामपी ने अपने छोटे भाई तक पर भी जानलेवा हमला किया था। साथ ही आसपास के कई बच्चों पर हमला किए जाने के बाद गांव वालों ने उन्हें ताना मारना शुरू किया और बच्ची को बांधकर रखने के लिए भी धमकाना शुरू किया। इसी वजह से बाध्य होकर उन लोगों ने यह फैसला लिया। पिता की मानें तो उन्होंने अपनी बच्ची को कई जगह इलाज करवाया। इसके बाद भी वह ठीक नहीं हो सकी। गरीबी की वजह से अब उसका इलाज करा पाने में वे खुद को असमर्थ पा रहे हैं।  इसीलिए उसे बेड़ियों में बांधकर रखने को मजबूर है। इस पीड़ित बच्ची से जब सवाल पूछा गया तो वह मुस्कुरा कर अपना दर्द बयां करने के अलावा कुछ और बोल पाने में खुद को असमर्थ बताती दिखी

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