* राज्य सरकार की तरफ उम्मीद भरी टकटकी लगाएं बैठे हैं दुकानदार
* जनवरी माह में ही शुरू हो जाएगा मरम्मत का कार्य : मार्केट प्रबंधन
कोलकाता, समाज्ञा : महानगर को लंदन बनाना राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सपना है। अपने इस सपने को पूरा करने की तरफ एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने देश के पहले फ्लोटिंग मार्केट यानि ऐसा बाजार जो पानी पर तैरता है, को स्थापित किया था। इस बाजार का उद्घाटन 24 जनवरी 2018 को मुख्यमंत्री ने किया था। पाटुली में बने इस फ्लोटिंग मार्केट को बैंकॉक की तर्ज पर बनाया गया था, जिसमें करीब 115 नावों पर 280 दुकानें (स्टॉल्स) खोली गई थी। बड़े उत्साह के साथ इस बाजार को खोला गया था और यहां उन विक्रेताओं को मुफ्त में दुकानें दी गई थी जिनकी दुकानें ईएम बाइपास के चौड़ीकरण करने के लिए हटाई गयी थी। बाजार में सभी दुकानें मूल रूप से नावों पर ही लगायी गयी थी। यहां नावों पर सब्जियां, मांस-मछली, चाय, चाट व अन्य रोजमर्रा के सामानों की सभी दुकानें खोली गई थी।
* उत्साह से खुला फ्लोटिंग मार्केट आज है बदहाल
करीब 10 करोड़ रूपये की लागत से बनायी गयी पाटुली की फ्लोटिंग मार्केट की वर्तमान स्थिति काफी खराब हो चुकी है। यहां पर विभिन्न स्तर के सरकारी अधिकारी दौरों पर तो आते हैं, किन्तु इसका कोई भी फायदा यहां दुकान लगाने वाले दुकानदारों को नहीं मिलता है। राज्य सरकार ने जिन दुकानदारों को उत्साह के साथ दुकानें खोल कर दे दी, लेकिन समय बितने के साथ ही उन दुकानों की व दुकानदारों दोनों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है। जब इस बाजार की शुरूआत की गई थी तब दुकानों की संख्या करीब 280 थी, लेकिन आज उनमें से आधी से ज्यादा दुकानें बन्द हो चुकी हैं। जो इक्का-दुक्का दुकानें खुलती भी हैं वे भी जल्द ही बन्द होने की कगार पर आ खड़ी हैं। स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि इस बाजार के हालात जानने जल्दी कोई सरकारी अधिकारी नहीं आता है और अगर कभी कोई अधिकारी चला भी आता है तो बस दुकानदारों कोरा आश्वासन देकर वापस चला जाता है। दुकानदारों का आरोप है कि ईएम बाइपास के निकट की दुकानों को तोड़कर सरकार ने हमें नया रोजगार तो दिया लेकिन साफ-सफाई मरम्मत और देखभाल न होने कारण फ्लोटिंग मार्केट की स्थिति बदतर होती जा रही है और इस वजह से उनका रोजगार भी चला गया है। फ्लोटिंग मार्केट के लिए आवंटित की गयी अधिकांश नावें जर्जर हो चुकी हैं और कई नावों की स्थिति तो इतनी खराब है कि वे लगभग डूब ही चुकी है। ग्राहकों के खड़े होने के लिए बनायी गयी पुलिया भी बीच-बीच में जर्जर होकर टूट रही है। झील और मार्केट की स्थिति खराब होने के कारण एक समय सैलानियों और ग्राहकों से भरा रहने वाला फ्लोटिंग मार्केट आज खाली पड़ा रहता है। इस कारण दुकानदारों को भी काफी घाटा सहना पड़ रहा है।
* ‘सरकार की बात मानकर हमने की सबसे बड़ी गलती’
फ्लोटिंग मार्केट में अपनी दुकान लगाने वाले दुकानदारों का मानना है कि पाटुली में दुकान लगाने की सरकार की बात मानकर हमने गलती कर दी। हमें अपनी पुरानी जगह को नहीं छोड़नी चाहिए थी। इस मार्केट में अपनी सैलुन चलाने वाले शुभेन्दु प्रमाणिक ने बताया कि करीब 2 साल पहले जब सरकार की तरफ से उन्हें यहां दुकान आवंटित की गयी तो वे बहुत खुश हुए क्योंकि इससे पहले वह फुटपाथ पर ही अपनी दुकान लगाते थे। यहां पर ना सिर्फ मुफ्त में दुकान दी गयी बल्कि इसके साथ ही उन्हें बिजली का बिल भी नहीं चुकाना पड़ता है। शुभेन्दु का कहना है कि यहां इस उम्मीद से अपनी दुकान खोली थी कि दुकान काफी अच्छी चलेगी लेकिन आज अपने निर्णय पर काफी पछता रहे हैं। उनका आरोप है कि यहां बाजार तो लगा दिया गया लेकिन सरकार की तरफ से इसकी देखरेख नहीं की जाती। यहां हमारा रोजगार बिल्कुल नहीं चल रहा है। हमारी पुरानी दुकान काफी अच्छी चलती थी। जब भी यहां कोई अधिकारी जांच के लिए आते हैं तो वे बस हमारी समस्याएं सुनकर हमें आश्वासित करके चले जाते है। शुभेन्दु का आरोप है कि झील के पानी को साफ और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए यहां दो वॉटर फिल्टर लगाया गया था लेकिन अब दोनों फिल्टर खराब हो चुकी हैं। वहीं चावल विक्रेता कल्पना नस्कर ने बताया कि यहां ना तो ग्राहक आते हैं और ना ही हमारा सामान बिकता है। पहले जहां मेरी दुकान थी, वहां मैं रोजाना करीब 3 हजार मुल्य की चावल बेच लेती थी। यहां सुबह से बमुश्किल 3 किलो चावल ही बिक पाता है। कल्पना का कहना है कि मेरे नांव की हालात भी खराब है। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने हमें एक तरह से ठग लिया है। कोई नया रास्ता भी नहीं ताकि कहीं और रोजगार के नये साधन ढुंढ़ सकूं और ना ही मेरे पास इतनी पूंजी है। हरी सब्जी विक्रेता मर्जिना बीबी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के चम्पाहाटी की रहने वाली है। वह यहां अपनी दुकान लगाने के लिए रोज ट्रेन से आती है। मर्जिना का कहना है कि शुरू-शुरू में हम सभी की दुकानें काफी अच्छी चल रही थी, उस समय सरकारी अधिकारी भी यहां देखरेख के लिए आते रहते थे। लेकिन अब यहां कोई अधिकारी जल्दी आता है। अगर कोई कभी आता भी है तो बस हमें आश्वासन देकर चला जाता है। उन्होंने कहा हमारा रोजगार यहां बिल्कुल नहीं चल रहा। हमारी आर्थिक स्थित भी खराब होती जा रही है। हम राज्य सरकार की बातों में आकर काफी पछता रहे हैं। इसके अलावा और भी कई ऐसी दुकानें हैं जिनकी हालात भी यहीं हैं और वे सभी भी सरकार से यहीं उम्मीद लगाएं बैठे हैं कि उनके लिए सरकार जल्द ही कुछ करेगी।
* फ्लोटिंग मार्केट के सचिव ने कहा
पाटूली फ्लोटिंग मार्केट के सचिव गोपाल नस्कर का कहना है कि इस माह के अंतिम सप्ताह से ही मार्केट की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जो दुकानदार आरोप लगा रहे हैं कि यहां ग्राहक नहीं आ रहे हैं, वे बिक्री के लिए सही माल नहीं खरीद पा रहे हैं और इसीलिए वहां ग्राहक कम आ रहे हैं। फ्लोटिंग मार्केट की देखभाल की जिम्मेदारी राज्य के नगरोन्नयन मंत्री और केएमसी के मेयर फिरहाद हकीम खुद कर रहे हैं। नस्कर ने बताया कि मार्केट के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सड़क के किनारों पर शेड बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार 1-2 दिनों के अंदर ही वहां नाव और ग्राहकों के खड़े होने के लिए बनी छोटी पुलियाओं की मरम्मत की गयी है।
written by- अंकिता यादव